जयपुर। मानसून के चलते जयपुर में इन दिनों बुखार बुरी कदर फैल गया है। किशोर और युवा पीढ़ी के साथ-साथ वृद्धजन के लिए इलाके की सरकारी-गैर सरकारी अस्पतालों में पहुंच रहे है। जयपुर के एसएमएस के आउटडोर में भी इस तरह के रोगियों की मारामारी चल रही गई है। चिकित्सकों की तंगी के चलते वहां व्यवस्था बनाए रखने में अस्पताल प्रशासन को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
व्यस्कों के अलावा मासूम बच्च्ो भी काफी अधिक संख्या में जे.के. लॉन अस्पताल में आउटडोर और इनडोर वार्ड में ईलाज के लिए पहुंच चुके हैं। बैडस की संख्या कम होने पर एक पलंग पर तीन से चार बीमार बच्चों को लिटाया गया है। हालत इस कदर खराब हो गए हैं कि अनेक माताएं अपने बीमार बच्चों को अस्पताल के बिस्तर की जगह अपने गोद में ही लिटाए ड्रिप-इंजेक्सन लगवा रही हैं। समस्या इस बात की है कि ऐसे हालातों के बाद भी वहां चिकित्सकों की अतिरिक्त व्यवस्था नहीं की गई है। समूचे वार्ड में केवल चिकित्सक दिन-रात एक करके बीमार बच्चो को संभाल रही है। नर्सिग स्टॉफ भी डबल डयूटी दे रहा है।
जे.के. लॉन अस्पताल की उपचार ईकाई वन में सायं के समय तक बीमार बच्चों की भीड़ नजर आई। हालत इस कदर खराब थी कि वार्ड में पांव रखना मुश्किल हो रहा था। रेवाड़ी हरियाणा से आई बच्ची पायल को बुखार का टेम्परेचर काफी अधिक हो गया है। कई दिनों के उपचार के बाद भी हालत में सुधार नहीं हो सका है। इसी पलंग पर जयसिंहपुरा खोर जयपुर की बच्ची इसीका का बदन तप रहा है। भरतपुर की मोनासी को पंद्रह दिनों से अधिक का समय हो गया कि बुखार काबू में नहीं आ रहा है। इस बीच बच्ची को एक बार डिस्चार्ज कर दिया गया था , मगर घर पहुंचते ही इसकी हालत खराब हो गई थी, इस पर भरतपुर के जिला अस्पताल से जयपुर के जे.के. लॉन रेफर किया गया है। चाकसू के निकट गोदून गांव से आए मासूम को पीलिया की शिकायत थी, मगर अब उसे फीवर भी हो गया है। थानागाजी से आए बालक पुष्पेन्द्र को सांस में दिक्कत आ रही है। जालुपुरा जयपुर से ओलेला नामक बच्ची को पिछले चार दिनों से बहुत ही तेज बुखार है। टोडाभीम की वंदना का चेहरा बुखार के मारे तप कर लाल हो गया है। अलवर के बालक आलम को बुखार के साथ-साथ तेज खांसी की भी शिकायत है। भरतपुर के दव्यिांस, सीकर की पांच साल की बच्ची राखी, शाहपुर के अभि को बुखार के साथ-साथ दौरे भी पड़ रहे हैं।
टोंक पारली को स्थानीय क्लिनिक पर उपचार के लिए ले जाया गया था, मगर कोई लाभ नहीं आया। अब इसका ईलाज जे.के. लॉन में चल रहा है। रामगंज जयपुर के बालक मूफीज, घाटगेट जयपुर की बच्ची सबां, करोली की बच्ची को बुखार के साथ-साथ पेट में तेज दर्द है। हालत इस कदर खराब है कि दवाएं भी काम नहीं कर रही है। गंगापोल जयपुर से नूरेन, आसिया को उल्टी-दस्त की दिक्कत है। आगरा के अभी, चूरू से आए बालक आवेश, सवाई माधोपुर के कुशाल, हण्डिोन के सहजल को ब्रेन फीवर बताया गया है। बलोंजी कोटपूतली की निर्मिला का भी जयपुर में उपचार चल रहा है। टोडाभीम से कुशाल तिजारा से तजकींरा नामक बच्ची को तेज बुखार के साथ-साथ ब्रेन में पानी भर जाने पर उसकी हालत चिंताजनक बनी हुई है। कानोता से दक्ष को काफी तेज बुखार है। सीकर से असमीरा को बुखार के साथ-साथ उल्टियां हो रही है। जानकारी के अनुसार सरकारी अस्पतालों के अलावा प्राईवेट अस्पतालों में भी काफी बच्चों को वायरस की शिकायत है। देहात में प्राईवेट क्लिनिकों पर भी बुखार के शिकार बच्चों का प्रेशर बढ़ता ही जा रहा है।
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