जयपुर। जुड़वा बच्चों के केसेज कोई नई बात नही है। मगर नेहा नामक महिला का केस इन सभी से अलग है। स्टोरी की शुरुआत इस तरह से है कि नेहा नाम की एक गर्भ वाती महिला आठ माह के बाद डिलीवरी के लिए यहां के सरकारी हॉस्पिटल में लाई गई थी। इस पेसेंट की हालत सीरियस होने पर उसे जिला हॉस्पिटल के लिए रेफर किया गया था। तभी उसे पैन शुरू हो जाने पर ऑपरेशन थियेटर में साइट कर दिया ।
तभी उसकी सोनोग्राफी की गई।जिसमें संकेत था की यह केस जुड़वा बच्चों का है। इसके अलावा यह संकेत था की उसी तीसरा बच्चा भी होसकता है। इस पर महिला हॉस्पिटल से सीनियर लेडी सर्जन को बुलाया गया। थियेटर में हार्ट और जनरल मैडिसन के डॉक्टर की सेवाएं ली गई। करीब दो घंटे तक ऑपरेशन चला। सभी हैरान थे। नवजात दो बच्चे आपस में जुड़े हुए थे। याने दोनो बच्चो का पेट एक ही है। इसके अलावा दो सिर और हाथ पाव अलग दिखाई दे रहे थे। ताजुब की बात यह थी कि बच्चा जिंदा था। पैदा होने के बाद से वह लगातार रोए जा रहा था। परिजनों ने इस पर चिकित्सकों से पूछा भी उनका बच्चा जिंदा तो रहेगा। लेडी डाक्टर कहती थी की यह केस बहुत ही गंभीर है।
जिंदा मरने के बारे में कुछ भी नही कहा जा सकता। इस केस में मेजर सर्जरी होगी। उसके सफल होने के बारे में भी कुछ भी नही कहा जा सकता।
इस बारे में इन बच्चों की मां बताती है कि इन दोनों को लेकर वह बहुत ही टेंशन में है। उसने इनका नाम भी रख दिया है। से हाथ वाला एलिना और दूसरे का नाम जॉयआ रखा है। इन बच्चो को लेकर वह पिछले सात दिनों से नहीं सो पाई है। परेशानी यह है कि दोनो बच्चो को एक साथ ही भूख लगती है। नित्यकर्म भी एक साथ करते है। इनमें एक भी रोना शुरू करता है तो दूसरा भी तैयार हो जाता है। यह केस अजीब हो पर डॉक्टर भी कुछ कहने की पोजिशन में नही है। एलिना और जोया कमजोर बहुत ज्यादा है। इस हालत में वह मेजर सर्जरी झेलने की पोजिशन में नही है। यह सर्जरी हर कोई नहीं कर पाएगा। इस पर इनके परिजनों को मुंबई जाने को कहा है। वहां की फीस batts लाख चालीस हजार बताई गई है। कहां से आएगा इतना पैसा। कोई भी मददगार सामने नहीं आया है।