चमत्कारी तनोट माता का मंदिर,पाकिस्तान ने गिराए थे  450  बम, मगर फूटा एक भी नहीं

Samachar Jagat | Thursday, 22 Sep 2022 08:07:16 PM
Miraculous Tanot Mata Temple, Pakistan had dropped 450 bombs, but not a single one exploded

जयपुर। जैसलमेर के निकट भारत- पाक सीमा पर स्थित तनोट माता का मंदिर बेहद चमत्कारी बताया जाता है। यहां तैनात बल और स्थानीय बुजुर्ग निवासियों का कहना है कि यह मंदिर 12०० साल पुराना है। इस देवालय की विश्ोषता यह है कि वहां हिन्दुओं के अलावा हर भारतीयोंं के दिल में खासा स्थान रखता है। दूर- दूर से लोग इस मैया के दर्शन करने आते हैं। मान्यता यह भी है कि मैया के दर्शन के लिए जो भी वहां आता है, उनकी फरियाद पूरी होती है। वहीं साथ ही भारत- पाकिस्तान युद्ध से जुड़ी कई अजीबो गरीब आज भी ज्वलंत है। भारतीय सेना के जवान भी श्रद्धा भाव से अपना शीश झुकाते हैं। इसके पीछे कारण यह बताया जाता है कि भारत- पाक के 1965 और 1971 के युद्ध के समय पाकिस्तानी सेना के हजारों ने रात के समय भारतीय सेना पर हमला कर दिया है। हमले में पाक ने खतरनाक टेंक ो का भी उपयोग किया था, जिनके बारे में कहा जाता था कि वे जहां भी जिस ओर जाएंगे, भारतीय सेना का सफाया हो जाएगा, मगर माता की कृपा से पाकिस्तानी आर्मी भ्रमित हो गई और वे रात के अंधकार में आपस मेंं ही भिड़ गई। भारतीय सैनिक ो ने मैया क े चमत्कार ने देश की सेना को इस आक्रमण में सुरक्षित रखा। इसी का परिणाम रहा कि मैया के इस देवालय की सेवा सम्हाल कर रहे हैं। नित्य आरती भोग और श्रंगार किया जाता है।


मैया का चमत्कार यह भी बताया जाता है कि विगत दोनों युद्धों के समय पाकिस्तानी सेना ने तनोत मैया के मंदिर को ध्वस्त करने का भरपुर प्रयास किया था। पााकिस्तानी तोपों ने मंदिर की सीमा पर 45० बम बरसाए थ्ो। साथ ही तीन हजार बमों को मंदिर परिसर में गिराया मगर चमत्कार इस बात का रहा कि इनमें से एक भी बम नहीं फूटा। सभी फुस्स हो गए।

माता के सुरक्षा चक्र के चलते बीएसएफ ने वहां अपनी चौकी बनाई है। इतना ही नहीं सेना के जवान ही अब मैया के इस मंदिर की देखभाल कर रहे हैं। वहां दर्शन के लिए आने वाले भक्तों की सुविधाएं सैनिकों द्बारा प्रदान की जा रही है। मंदिर और श्रद्धालुओं की सेवा का जज्बा यहां के जवानों ने संभाला हुआ है। उनके ठहरने और नि:शुल्क भोजन की व्यवस्था और स्वास्थ्य कैम्प की सुविधा भी रखी गई है। नवरात्रा के समय वहां की रोनक ही देखने लायक हो जाती है। दूर-दूर से लाखों लोग मैया के जय- जय कार के साथ उनके दर्शन करते हैं। मान्यता यह है कि मैया के दर्शन मात्र से उनकी मनोकामना पूरी होती है। हर दिन दोपहर 12 बजे से शाम 7 बजे आरती में आर्मी के जवान और अधिकारी भी शामिल होते हैं। तनोट माता के इस मंदिर को वैष्णों देवी व सैनिकों की देवी के तौर से जाना जाता है। सेना के जवान कर रहे हैं। माता की जय- जयकार के चलते हमारे देश की सेना ने शौर्य का परिचय देते हुए उनकी पूरी रक्षा रखी। मैया के चमत्कार के चलते इस मंदिर को वैष्णोंं देवी और सैनिकों की देवी के उपनाम से इसकी ख्याती दुनिया भर में बनी हुई है। माता के मंदिर की विश्ोषता यह भी बताई जाती है कि इसके श्रंगार में पाकिस्तान द्बारा छोड़े खतरनाक बम जो कि फट नहीं पाए थ्ो, इनसे माता का दरबार सजाया गया है। इसके प्रांगण में अनेक पाकिस्तानी टेंक जो कि भारतीय सेना के द्बारा ध्वस्त किए गए थ्ो, इन्हें सजाया गया है। तरह- तरह की पाकिस्तानी तोपोेंऔर बख्तरबंद गाड़ियां जिन्हें युद्ध के समय छीना गया था, लोगों के देखने के लिए रखी गई है।



 

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