राजगढ़ : मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में नदी की बाढ़ की चपेट में आने से एक गोशाला की 5० से अधिक गायों की मौत हो गई। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। तलेन तहसील के निद्र खेड़ी गांव में दक्षिणपंथी संगठनों द्बारा गोशाला कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगाने के बाद गोशाला प्रबंधन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इस सप्ताह की शुरुआत में भारी बारिश के कारण कर्मचारियों ने गोशाला बंद कर दी और चले गए। उन्होंने आरोप लगाया कि उगल नदी का पानी गोशाला में प्रवेश करने से गायें वहां फंस गई और उनकी मौत हो गई। कमãचारियों ने बाद में गायों के शवों को नदी में फेंक दिया। एक अधिकारी ने बताया कि बुधवार को नदी में जलस्तर घटने के बाद मौतों का पता चला जिसके बाद पुलिस और नायब तहसीलदार सौरभ शर्मा घटनास्थल पर पहुंचे। तलेन थाना प्रभारी उमाशंकर मुकाती ने कहा कि बजरंग दल और विश्व हिदू परिषद (विहिप) के कार्यकताã भी विरोध प्रदर्शन के लिए मौके पर पहुंचे और नदी के किनारे मिल शवों को बृहस्पतिवार को एक बड़े गड्ढे में दफना दिया गया।
अधिकारी ने बताया कि कार्यकर्ताओं ने संत प्रीतम महाराज और उनके कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद बृहस्पतिवार रात को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई। कायãकताãओं ने दावा किया कि वृद्ध गायों को रखने के लिए सरकार से अनुदान मिल रहा था। इस बीच, प्रदेश क ांग्रेस के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने एक ट्वीट में स्वयं को गोभक्त बताने वाली मध्य प्रदेश सरकार की आलोचना की और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।