MP: बोरवेल में गिरी बच्ची को बचाने के लिए तीसरे दिन रोबोटिक विशेषज्ञ भी जुटे अभियान में

Samachar Jagat | Thursday, 08 Jun 2023 01:56:12 PM
MP: Robotic experts also joined the campaign on the third day to save the girl who fell in the borewell

सीहोर। मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में बोरवेल में गिरी ढाई साल की बच्ची को बचाने के लिए जारी अभियान में तीसरे दिन बृहस्पतिवार को रोबोटिक विशेषज्ञों की एक टीम शामिल हुई।

एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मंगलवार को दोपहर में मुंगावली गांव के एक खेत में 300 फुट गहरे बोरवेल में गिरी बच्ची को बचाने के लिए बृहस्पतिवार सुबह रोबोटिक विशेषज्ञों की एक टीम भी अभियान में शामिल हुई।

बचाव अभियान का आज तीसरा दिन है और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि बच्ची को बोरवेल में एक पाइप के जरिए ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है।अधिकारियों के अनुसार, घटना के 46 घंटे से अधिक बीत जाने के बाद लड़की को बोरवेल से बाहर निकालने का काम और अधिक कठिन हो गया है क्योंकि वह 30 फुट से और नीचे फिसल कर लगभग 100 फुट की गहराई में फंस गई है।

अधिकारी ने कहा कि गुजरात से तीन सदस्यीय रोबोट बचाव दल अभियान में शामिल होने के लिए बृहस्पतिवार को सुबह घटनास्थल पर पहुंचा।रोबोटिक टीम के प्रभारी महेश आर्य ने घटनास्थल पर संवाददाताओं को बताया, ‘‘ हमने जानकारी एकत्र करने के लिए एक रोबोट को बोरवेल में उतारा है और उससे प्राप्त तस्वीरों को हम बच्ची की स्थिति जानने के लिए स्कैन करके डेटा को प्रोसेस कर रहे हैं। इसके बाद, हम तय करेंगे कि उसे बोरवेल से कैसे बचाया जाए।" ”

सृष्टि नाम की बच्ची मंगलवार को दोपहर में करीब एक बजे बोरवेल में गिरी थी और तभी से उसे बचाने की कोशिश की जा रही है।बुधवार को भोपाल में पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था, ‘‘मंगलवार दोपहर करीब एक बजे सृष्टि नाम की बच्ची बोरवेल में गिर गई थी और तभी से उसे बचाने के प्रयास चल रहे हैं। शुरुआत में वह बोरवेल में करीब 40 फुट की गहराई में फंसी थी, लेकिन उसके बचाव अभियान में लगी मशीनों के कंपन के कारण, वह लगभग 100 फुट और नीचे खिसक गई, जिससे कार्य और कठिन हो गया है।’’

अधिकारियों ने कहा कि सेना की एक टीम भी बचाव अभियान में शामिल हुई है जबकि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा आपातकालीन प्रतिक्रिया बल (एसडीईआरएफ) की टीमें पहले से ही इस काम में जुटी हैं।उन्होंने कहा कि फिलहाल 12 अर्थमूविंग और पोकलेन मशीनें भी बचाव अभियान में लगी हुई हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान और अधिकारियों की एक टीम बचाव अभियान की निगरानी के लिए जिला अधिकारियों के संपर्क में है।ताजा घटना से खुले छोड़े गए बोरवेल से उत्पन्न खतरे फिर से सामने आ गए हैं।

गुजरात के जामनगर जिले में शनिवार को दो साल की एक बच्ची फिसलकर एक बोरवेल में गिर गई और 20 फुट की गहराई में फंस गई। एक अधिकारी ने बताया कि 19 घंटे तक कई एजेंसियों द्वारा चलाए गए बचाव के कठिन प्रयासों के बावजूद उसकी मौत हो गई।2009 में उच्चतम न्यायालय ने खुले छोड़ दिए गए बोरवेल में बच्चों के गिरने की घातक दुर्घटनाओं को रोकने के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे।अदालत द्वारा 2010 में जारी संशोधित दिशा-निर्देशों में निर्माण के दौरान कुएं के चारों ओर कांटेदार तार की बाड़ लगाना, बोरवेल के ऊपर बोल्ट के साथ स्टील प्लेट कवर का उपयोग करना और नीचे से जमीनी स्तर तक बोरवेल को भरना शामिल है।

Pc:Navabharat



 


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