इंदौर | मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) की दो दिन पहले आयोजित राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2021 में कश्मीर को लेकर आपत्तिजनक सवाल से जुड़े विवाद के तूल पकड़ने के बाद एमपीपीएससी ने इस प्रश्न की सामग्री से मंगलवार को असहमति जताई। एमपीपीएससी ने इसके साथ ही संबंधित प्रश्नपत्र तैयार करने वाले दो लोगों को अपनी काली सूची में डाल दिया है। एमपीपीएससी के एक आला अधिकारी ने यह जानकारी दी।
एमपीपीएससी के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी रवींद्र पंचभाई ने संवाददाताओं को बताया, ''राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2021 के सामान्य अभिरुचि परीक्षण के पर्चे में कश्मीर को लेकर पूछे गए प्रश्न की सामग्री से हम सहमत नहीं हैं। इसलिए हमने इस प्रश्न को परीक्षा से हटा दिया है।’’
उन्होंने यह भी बताया कि एमपीपीएससी ने संबंधित प्रश्नपत्र के सैटर (प्रश्नपत्र तैयार करने वाला व्यक्ति) और मॉडरेटर (तैयार पर्चे को छपाई से पहले जांचने वाला शख्स) को काली सूची में डाल दिया है। यानी उन्हें एमपीपीएससी की परीक्षा प्रणाली से हमेशा के लिए बाहर कर दिया गया है।
पंचभाई ने बताया कि एमपीपीएससी द्बारा दोनों व्यक्तियों के विभागों को उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए लिखा गया है। उन्होंने हालांकि भर्ती परीक्षा की गोपनीयता का हवाला देते हुए विवादास्पद प्रश्नपत्र के सैटर और मॉडरेटर के नामों का खुलासा करने से इंकार कर दिया।
अधिकारियों ने बताया कि एमपीपीएससी की रविवार को आयोजित राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2०21 में सामान्य अभिरुचि परीक्षण के प्रश्नपत्र में कथन के रूप में सवाल किया गया कि क्या भारत को कश्मीर को पाकिस्तान को दे देने का निर्णय कर लेना चाहिए?
इस सवाल पर पर्चे में पहला तर्क दिया गया,''हां, इससे भारत का बहुत-सा धन बचेगा।’’ दूसरा तर्क दिया गया, ''नहीं, ऐसे निर्णय से इसी तरह की और भी मांगें बढ़ जाएंगी।’’
प्रश्नपत्र में इस सवाल के जवाब के लिए परीक्षार्थियों को चार विकल्प दिए गए थे। इनमें से पहले विकल्प में पहले तर्क को सही बताया गया था, दूसरे विकल्प में दूसरे तर्क को सही बताया गया था, तीसरे विकल्प में पहले और दूसरे, दोनों तर्कों को सही बताया गया था और चौथे विकल्प के अनुसार, पहला और दूसरा, दोनों तर्क सही नहीं हैं।
इस बीच, कश्मीर को लेकर आपत्तिजनक प्रश्न का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर फैल गया है। इस प्रश्न पर आक्रोशित लोग और भाजपा के विपक्षी नेता एमपीपीएससी की आयोजित परीक्षा में ऐसा सवाल किए जाने के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं।