- SHARE
-
जयपुर। मर्डर के मामले कई बार बेहद उलझे होते है,जिनके खुलासा करने में पुलिस को सालों लग जाते है। फिर यह केस ब्लाइंड मर्डर का था। अपराधी इस कदर शातिर था कि पुलिस को झासा देने में ऐसा नाटक खेला कि लल्लू पुंजू इसे एक्सीडेंट मान कर एफ आर लगा दे। मगर इस मामले में पुलिस के एक उच्च अधिकारी ने जांच की शुरुआत ही बहुत बारीकी से करवाई। खुद दिन रात दौड़ते भागते रहे। चौबीस घंटे में ही अपराधियों को पकड़ कर थाने की बैरक में पहुंचा दिया।
पुलिस अधीक्षक शाहपुर ने बताया कि16 तारीख को उन्हें सूचना मिली कि ग्राम मझनिया के कच्चे रास्ते में सारंगपुर से शाजापुर के रेलवे पोल के 1273, 12, 1273, 13के मध्य मझानिया फाटक 170 ए के पास अज्ञात व्यक्ति का शव रेल की पटरी के पास दो भागों में कटा हुवा मिला। इस पर पुलिस के टीम मौके पर पहुंची। वारदात के एरिया को सुरुक्षित करके,इसकी बारीकी से जांच की। अज्ञात लाश का सिर रेल की पटरी से कोई चार फुट की दूरी पर पथरीली जमीन पर लुढ़का हुआ था। एस पी डायर का तजुर्बा यहां काम आया। वे बोले कि इसे गौर करें मुझे लगता है की पहले सक्स को मारा गया।
इस पर खून अवश्य ही जमीन पर मिलता। मगर ऐसा नहीं था। ठीक इसी तरह इसके धड़ को गौर से देखें। इसके नीचे या नजदीक खून के कोई निशान नहीं है। यहीं कोई बीस बाइस कदम की दूरी पर गिरे पत्थरों पर काफी ज्यादा मात्रा में खून लगा हुआ था। जाहिर है की इसे यही पर मारा गया था। इसके बाद इस केस को दुर्घटना का बनाने के लिए उसी रेल की पटरी पर डाल दिया। ट्रेन जब इस पर से गुजरी तो यह लाश दो टुकड़ों में बट गई। मजे की बात यह थी कि पटरी के आसपास खून या मांस के अवशेष नहीं मिले।
बाद में ट्रेन के इंजन के ड्राईवर से बात की तो वह बोला कि उसने देखा था कि पटरी पर कोई लेटा हुआ है। मैने सिटी की बार बार आवाज की। मगर वह टस से मस नहीं हुवा। तब ट्रेन की स्पीड बहुत ज्यादा थी। ब्रेक लगाना पॉसिबल नहीं था। मगर आगे स्टेशन पर इसकी सूचना दी थी। शव के पोस्ट मार्टम की रिपोर्ट में लाश के गले पर किसी धार दार हथियार का घाव था। सीने पर भी खरोंच के निशान थे। बात साफ थी,यह केश मर्डर का ही था । यहां पुलिस के पक्ष में यह बात रही थी कि कुछ लोग गुमशुदी की रिपोर्ट दर्ज करने के लिए आए थे। इन्हे लाश की शिनाख्त करवाई तो उसकी पहचान हो गई।
ले दे कर केश लव अफेयर का निकला। इस केश में पवन सोरस्त्री ओर विनोद को गिरिफ्तार कर लिया। शव की पहचान में उसका नाम सुनील पुत्र घासी राम बताया। सुनील अक्सर उसकी पत्नी से छेड़ छाड़ किया करता था। उसे समझाने की कोशिश की। मगर वह नहीं माना तो उसे रेल की पटरी की पास बुलाकर शराब पिलाई। वह जब अचेत हो गया तो पथरो से उसका सिर कुचल दिया। बाद ने उसे पटरी पर डाल दिया। इसके बाद अपने घर चले गए। पुलिस ने इस हत्या कांड का खुलासा केवल चंद घंटे में कर के देश भर में अनुकरणीय काम किया। इस टीम में ए एस पी टी एस, श्रीमती दीपा डोडवे,मनीष दुबे, चत्रपाल सिंह,सीमा पंवार,दिलीप भिलाला, हरी सिंह यादव,धर्मेंद्र गुर्जर,कपिल यादव, अरूण यादव,हेमंत यादब को प्रस्कृत किया गया।