कोरोना महामारी के आने के करीब दो साल बाद रविवार को राजधानी जयपुर में रामनवमी (रामनवमी) के मौके पर विशाल जुलूस (राम शोभा यात्रा) निकाला गया। जयपुर में दो साल बाद रामनवमी के मौके पर भव्य व विशाल जुलूस निकाला गया और इसी के चलते यहां की सड़कों पर एक बार फिर 250 साल पुरानी परंपरा देखने को मिली. दो वर्ष बाद परकोटा से राम कृष्ण जयंती महोत्सव समिति की ओर से बैंड के साथ सूरजपोल अनाज मंडी से जुलूस (राम शोभायात्रा जयपुर) का आयोजन किया गया।
जुलूस को श्रीराम की करीब 35 झांकियों से सजाया गया। जी हां, कमेटी द्वारा निकाला गया जुलूस सूरजपोल बाजार से शुरू होकर रामगंज चौपड़, रामगंज बाजार, बड़ी चौपड़, जौहरी बाजार, सांगानेरी गेट, बापू बाजार, ब्रॉड वे, त्रिपोलिया बाजार, छोटी चौपड़ से होते हुए राम तक पहुंचा. चांदपोल बाजार में मंदिर जहां हजारों की संख्या में नगरवासी मौजूद थे। इसके अलावा जैसलमेर में एक हाथी, 101 गिनती और 51 घोड़ों के साथ राम जुलूस निकाला गया जहां विभिन्न झांकियों में राम, लक्ष्मण सीता हनुमान आदि बच्चे बने। यहां जुलूस का स्वागत मुख्य मार्ग पर हजारों की भीड़ ने किया। इतना ही नहीं इस दौरान यहां का पुलिस प्रशासन अलर्ट पर रहा.
वहीं दूसरी ओर यहां एकता की एक नई कहानी देखने को मिली, दरअसल मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बारात पर पुष्पवर्षा कर आपसी भाईचारे की मिसाल कायम की. वहीं अजमेर जिले के चांद बावरी स्थित चंद्रेश्वर महादेव मंदिर से राम जुलूस निकाला गया जिसमें 10 झांकियां, 3 काली माता के अखाड़े, बैंड और ढोल शामिल थे. इसके अलावा धौलपुर जिले में निकाले गए रामनवमी जुलूस में भी एकता की मिसाल देखने को मिली. जिले में धारा 144 लागू होने के बाद जिला कलेक्टर व एसपी की मौजूदगी में शहर में रामनवमी का जुलूस निकाला गया. इतना ही नहीं यहां जुलूस के दौरान कई जगहों पर मुस्लिम समुदाय के लोगों पर फूलों की वर्षा की गई.