New Delhi : 'काउंटर केस’ को दिल्ली स्थानांतरित करने की उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की अर्जी पर सुनवाई अगले हफ्ते

Samachar Jagat | Tuesday, 16 Aug 2022 04:35:32 PM
New Delhi : Hearing on Unnao rape victim's plea to transfer 'counter case' to Delhi next week

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को उन्नाव की दुष्कर्म पीड़िता की उस याचिका को अगले हफ्ते सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने की स्वीकृति दे दी, जिसमें एक आरोपी के पिता द्बारा दाखिल आपराधिक मामले को उत्तर प्रदेश की निचली अदालत से दिल्ली स्थानांतरित करने का अनुरोध किया गया है। प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने दुष्कर्म पीड़िता की ओर से दाखिल ताजा याचिका पर तत्काल सुनवाई की अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर की दलील स्वीकार कर ली। पीठ ने कहा, “इसे अगले हफ्ते के लिए सूचीबद्ध करें।”

दिल्ली की एक अदालत ने दिसंबर 2019 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व विधायक कुलदीप सिह सेंगर को 2017 में उत्तर प्रदेश के उन्नाव में पीड़िता को अगवा कर उसके साथ दुष्कर्म करने के जुर्म में ताउम्र जेल में रहने की सजा सुनाई थी। वारदात के समय पीड़िता नाबालिग थी। अदालत ने सेंगर पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। उन्नाव की एक स्थानीय अदालत ने दिल्ली की एक अदालत में मुकदमे का सामना कर रहे उन्नाव दुष्कर्म मामले के एक आरोपी शुभम सिह के पिता द्बारा दायर कथित धोखाधड़ी और जालसाजी की आपराधिक शिकायत पर पीड़िता के खिलाफ हाल ही में गैर-जमानती वारंट जारी किया है। शीर्ष अदालत में दायर स्थानांतरण याचिका में आरोप लगाया गया है कि यौन उत्पीड़न मामले से बचने के मकसद से उन्नाव की अदालत में पीड़िता के खिलाफ 'जवाबी न्यायिक कार्यवाही’ शुरू की गई है।

दोषसिद्धि और उम्रकैद की सजा के खिलाफ सेंगर की अपील दिल्ली उच्च न्यायालय में लंबित है। उच्च न्यायालय ने हाल ही में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से इस पर जवाब मांगा था। निचली अदालत ने सेंगर को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया था, जिसमें धारा-376(2) भी शामिल है। यह धारा एक लोक सेवक से निपटने के सबंध में है, जो 'अपनी आधिकारिक स्थिति का लाभ उठाता है और अपनी या अपने अधीनस्थ लोक सेवक की देखरेख में मौजूद एक महिला के साथ बलात्कार करता है।’

पांच अगस्त 2019 को दुष्कर्म मामले में शुरू हुई सुनवाई को उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर उन्नाव से दिल्ली से स्थानांतरित करते हुए इस पर दैनिक आधार पर सुनवाई की की गई थी। शीर्ष अदालत ने तब भारत के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को दुष्कर्म पीड़िता द्बारा लिखे गए पत्र का संज्ञान लिया था। एक अगस्त 2019 को न्यायालय ने उन्नाव दुष्कर्म कांड में दर्ज सभी पांच मामलों को लखनऊ की एक अदालत से दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित कर दिया था। उसने पांचों मुकदमों की दैनिक सुनवाई करने और 45 दिनों के भीतर बहस पूरी करने का निर्देश भी जारी किया था।



 

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