जयपुर। राजस्थान मंत्रिमंडल ने प्रदेश में बढती हुई सड़क दुर्घटनाओं एवं इनमें होने वाली मौतों को नियंत्रित करने के लिए नई सड़क सुरक्षा नीति लागू करने का फैसला किया है।
संसदीय कार्यमंत्री राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने आज मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए निर्णयों के बारे में बताते हुए कहा कि प्रदेश में औसत रुप से प्रतिदिन 67 सड़क दुर्घटनाएं होती है तथा इनमें 72 लोग घायल होते है तथा 28 व्यक्तियों की मौतें हो जाती है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 में हुई मौतों को आधार मानते हुए इस नीति के तहत पचास प्रतिशत मौतें कम करना सुनिश्चित किया गया है।
उन्होंने बताया कि राज्य में सड़क सुरक्षा कोष स्थापित करने का भी निर्णय लिया गया है और इस कोष में वाहनों पर वसूले गए जुर्माने की 25 प्रतिशत राशि दी जाएगी। उन्होंने बताया कि एक स्थान पर तीन से ज्यादा दुर्घटनाएं होने पर उसे संवेदनशील जगह मानते हुए अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उसका विकास कर सड़क सुरक्षा दी जाएगी। प्रदेश में ऐसे 927 स्थानों को चिन्हित किया गया है।
उन्होंने बताया कि सड़क सुरक्षा को शिक्षा एवं प्रशिक्षण में शामिल किया जाएगा तथा दुर्घटनाओं का डेटाबेस बनाया जाएगा। इसके अलावा इस नीति के तहत कैमरे लगाना, शराब पीकर वाहन चलाने, वाहनों की समय समय पर चैंङ्क्षकग कर फिटनेस देना, पुराने वाहनों को चरणबद्ध तरीके से बंद करना , चालक को प्रशिक्षण के साथ साथ गुणवत्ता बढ़ाना, प्रदूषण जांच, पार्किंग आदि को शामिल किया गया है।
राठौड़ ने बताया कि राजस्थान सुरक्षा सेल का जिला स्तर पर गठन किया जाएगा जिसमें संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि राजस्थान में वर्ष 2015 में बीस हजार दो सौ एक दुर्घटनाएं हुई जिनमें 22 हजार 255 लोग घायल हुए तथा 8 हजार 733 लोगों की मौत हो गई। इसी प्रकार वर्ष 2016 में 19 हजार 600 दुर्घटनाओं में 20 हजार 586 घायल हो चुके हैं तथा 8 हजार 727 लोगों की मौत हो चुकी है।
वार्ता