उदयपुर : राजस्थान के उदयपुर जिले में गोवंश को लंबी वायरस से बचाने के लिए जिला कलक्टर ताराचंद मीणा की पहल पर आयुर्वेद विभाग ने जात्यादी तेल तैयार किया है। विभागीय अधिकारियों ने सोमवार को जात्यादी तेल का एक केन जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा को सौंपते हुए इसके निशुल्क वितरण की शुरुआत की। जिला कलक्टर श्री मीणा ने कहा कि नवरात्रि के समय गाय की सेवा पुण्य का कार्य हैं। उन्होंने अधिक से अधिक लोगों को स्वप्रेरणा से जनसहभागिता, स्वयं सेवी संस्थाओं, समाजसेवकों, गौ सेवकों से अभियान से जुड़ने की अपील की।
वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी वैद्य शोभालाल औदीच्य की देखरेख में राजस्थान गौ सेवा समिति के कैलाश राजपुरोहित, चंद्रप्रकाश सुराणा एवं अन्य सदस्यों तथा आयुर्वेद विभाग की टीम ने जात्यादि तेल का निर्माण किया है। यह तेल पशुपालन विभाग द्बारा जिले के दूरदराज के क्षेत्रों में पहुंचाया जाएगा। वैद्य औदीच्य ने बताया कि जात्यादि तेल विशेष रूप से लम्पी वायरस से होने वाले त्वचा संक्रमण के बाद त्वचा को बचाने के लिए गायों के लिए उपयोग किया हैं।
वैद्य औदीच्य के अनुसार जात्यादि तेल लंपी वायरस से ग्रसित गायों में उपयोग करने पर 24 घंटे में अपना सकारात्मक प्रभाव दिखाकर संक्रमण को ठीक कर रहा है। जात्यादि तेल कई आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के मिश्रण से बनाया गया है जात्यादि तेल में चमेली पत्र नीम पत्र पटोल पत्र करंज पत्र मोम मुलेठी कुठ हरिद्रा दारू हरिद्रा कुटकी मंजीठ पदमाख लोद्र हरड़ कमल केसर शुद्ध तुथ्य अनंतमूल करंज बीज सभी एक किलो 2०० ग्राम की मात्रा तिल्ली का तेल 96 किलो और जल 38० किलो की मात्रा लेकर विधि पूर्वक बनाया जाता है।