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जयपुर। राजस्थान की भजनलाल सरकार अब भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टोलरेंस नीति के तहत भ्रष्ट अधिकारियों को लेकर एक बड़ा कदम उठाने वाली है। इस बात की जानकारी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह ने विधानसभा में दी है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टोलरेंस नीति है। उन्होंने आश्वस्त किया कि भ्रष्ट अधिकारियों के विरुद्ध अभियोजन स्वीकृति के लंबित पुराने प्रकरणों का निस्तारण प्राथमिकता से किया जाएगा। साथ ही इन प्रकरणों का समयबद्ध निस्तारण भी सुनिश्चित किया जाएगा।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह ने विधानसभा में जानकारी दी कि 1 जनवरी 2022 से 31 दिसम्बर 2024 के दौरान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा राज्य सरकार व संबंधित विभागाध्यक्ष को 1 हजार 592 अभियोजन स्वीकृति प्रस्ताव भिजवाए गए। इनमें से 1 हजार 189 अभियोजन स्वीकृति प्रस्तावों में निर्णय प्राप्त हुए तथा 403 अभियोजन स्वीकृति प्रस्ताव प्रक्रियाधीन हैं।
वर्तमान में 403 अभियोजन स्वीकृति प्रस्ताव प्रक्रियाधीन
गजेन्द्र सिंह ने विधानसभा में प्रश्नकाल में इस संबंध में सदस्य द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्नों का भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो मंत्री की ओर से जवाब देते हुए कहा कि वर्तमान में 403 अभियोजन स्वीकृति प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है। भ्रष्ट कार्मिकों के विरुद्ध त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए अभियोजन स्वीकृति के लंबित प्रकरणों की मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव स्तर पर लगातार समीक्षा की जा रही है।
मुख्य सचिव स्तर पर इस प्रक्रिया को और अधिक सशक्त किया जाएगा
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह ने इस दौरान आश्वस्त किया कि मुख्य सचिव स्तर पर इस प्रक्रिया को और अधिक सशक्त किया जाएगा, जिससे प्रक्रियाधीन प्रस्तावों पर समयबद्ध रुप से त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित हो सकेगी।
PC: dipr.rajasthan, khaskhabar.
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