जयपुर। सीवरेज जाम की समस्या जयपुर में आम है। आए दिन इस तरह की शिकायत आती रहती है। गौरतलब बात यह है कि जयपुर नगर निगम ग्रैटर ने इस तरह की समस्याओं के तुरंत निदान के लिए अपने कार्यालय में हैल्प लाइन गठित की है। मगर लगता है कि इस मामले में कहीं ना कहीं लोच है जिसके चलते इस हैल्प लाइन में जन समस्याएं आती तो है मगर इनका समाधान नहीं किया जा रहा है।
समाचार जगत पोर्टल की टीम ने कुछ इस मामले की पड़ताड़ की थी, जिसमें लाल कोठी स्कीम के पचास से अधिक निवासियों से घर- घर जा कर संपर्क किया था। इस पर लोगों ने इस टीम को अपने दुखड़े सुनाए। इनमें एक मामला तो बेहद गंभीर किस्म का था, जिसमेंं लालकोठी स्कीम के एक निवासी ने तो सीएमओ हैल्प लाइन में अपने मोबाइल के जरिए इस बात की शिकायत की थी कि उनके इलाके में सीवरेज एक सप्ताह से जाम पड़ी है और लोगों के गटर का गंदा और बदबूदार पानी उनके इलाके में तालाब की शक्ल में जमा हो गया है। शिकायत मिलने पर सीएमओ ने यह समस्या नगर निगम के संबंधित अधिकारी को निदान के लिए तुरंत भिजवा दी। मगर सीएमओ गलत जानकारी दी कि अपने निर्देश पर शिकायत का निदान कर दिया गया है।
मगर सच यह है कि निगम प्रशासन ने जिस स्थल पर जाकर इस समस्या के निदान की जानकारी दी है, वहां तो सीवर जाम ही नहीं हुई थी। दूसरी ओर सीएमओ ने अपने आदेश में जिस मौके का विवरण देकर सीवरेज जाम होने और घरों के शोचालय का गंदा पानी रोड़ पर जमा हो जाने के आदेश का विवरण दिया था, वहां आज के दिन तक जयपुर नगर निगम गेटर की टीम या कोई कर्मचारी वास्तविक स्थल पर गया ही नहीं। देखा यह मामला सामान्य केटेगरी का नहीं रहा है। उम्मीद की जा रही हैकि सक्षम अधिकारी या शाखा इस मामलेकी पड़ताल क रके वस्तुस्थिति की असलियत से अवगत होगी।
वाकिए के अनुसार लालकोठी स्कीम के निवासियों मंें मकान नम्बर 194 के मदन कोली, म.न. 186 के सोमनाथ महावर, म.न.185 के ललित महावर, म.न. 197 के लक्ष्मण सिंह, म.न. 196 के रामेश्वर कुमाव, म.न. 183 की शांती देवी, म.न. 199 के रणजीत सिंह, म.न. 278 के रामदेव कायथ का तो यह भी कहना है कि उनके मकानात के निकट जेडीए कॉलोनी वाला गंदे पानी का नाला साल में एक बार बारीश के मौसम से पहले साफ किया जाता रहा है, मगर इस बार इसकी एक बार भी सफाई नहीं की गई। मामले की शिकायत नगर निगम ग्रेटर की हैल्प लाइन मेंं की गई थी, मगर हर बार यही जवाब सुनने को मिला कि आपकी स्कीम के गंदे पानी का नाला साफ किया जा चुका है।
इस में कोई सच्चाई है भी कि नहीं इसकी जांच की जा सकती है। म.न. 215 की पुष्पा देवी कहती है कि उनके मौहल्ले में जयपुर नगर निगम की सफाई कर्मचारी एक साल से अधिक समय से झाडू से सफाई करने नहीं आई। अब वे प्राइवेट लेबल पर करवाया जा रहा है, जिसके लिए दोसौ रूपए प्रतिमाह का पेमेंट निजी सफाई कर्मचारी को किया जा रहा है। म.न. 239 की विमला देवी, म.न. 247 के सूरज साहू, म.न. 217 के रामराय सैन,म.न. 430 के लक्ष्मीनारायण बैरवा ने इसी शिकायत को रिपीट किया है। म.न. 209 की विमला देवी, म.न.208 की ममता देवी और सीताराम नावरिया, म.न. 239 के हनुमान साहू,म.न. 268 के मदन लाल, म.न. 268 के नवरतन, म.न. 267 के रामलाल,म.न. 267 के राम लाल, म.न. 266 के मुन्नालाल वर्मा, म.न. 263 की रूकमणी देवी,म.न. 279 के महेश जंगम, म.न. 247 के बाबू लाल साहू, म.न 261 के मदन लाल कायत, म.न. 253 की श्रीमती वैभवी देवी, म.न. 437 के विजय धानका, म.न. 394 के देवी लाल, म.न. 430 के सुरेश वर्मा, म.न. 396 के छोटू राम, म.न. 423 के सूरजा राम,म.न. 381 के गंगासहाय महावर, म.न. 380 के भगवान सिंह,म.न. 362 के रामपाल, म.न. 312 के लालाराम, म.न. 352 के दीपक कुमार, म.न. 357 के प्रेमचंद, म.न. 355 के प्रेमचंद, म.न. 355 के लक्ष्मण, म.न.387 के लाडा देवी, म.न. 353 के भ्ौरू लाल बैरवा, म.न.389 के एनआर धानका आदि। उपरोक्त सभी प्रार्थियों ने नगर निगम क ी हैल्प लाइन में बाकायदा अपने मोबाइल नम्बर भी बताए है ताकि यदि प्रशासन चाहे तो इस समस्या से पीडित लोगों से संपर्क करके समस्या को लेकर आवश्यक जानकारी उपलब्ध करवाएं।
स्कीम के अशोक शर्मा ने बताया कि उनके मोबाइल पर नगर निगम ग्रेटर की हैल्प लाइन की ओर से मेसेज आया था कि आपके इलाके की सीवर लाइन की सफाई करवा दी गई है। मगर यहां निगम ने जिस एरिया के मकान नम्बर बताए हैं, वहां सीवरेज जाम ही नहीं हुई थी। जब कि जिन वासियों ने इस समस्या से निगम प्रशासन को अवगत करवाया वहां नगर निगम का कोई भी कर्मचारी अथवा सीवरेज साफ करने वाली गाड़ी आज के दिन तक नहीं पहुंची है। जाहिर है कि यहां नगर निगम केे संबंधित कर्मचारी अथवा एरिया इंस्पेक्टर ने अपने उच्च प्रशासन को सही जानकारी नहीं दी। बात यहा खत्म नहीं होती है, राजस्थान के मुख्य मंत्री की हैल्प लाइन ने जब इस मामले में निगम प्रशासन से पूछताछ की, उन्हें भी गुमराह किया ।