Sharda University controversy: 'आपत्तिजनक’ सवाल तैयार करने वाले सहायक प्रोफ़ेसर ने इस्तीफा दिया

Samachar Jagat | Tuesday, 10 May 2022 11:41:29 AM
Sharda University controversy: Assistant professor who framed 'objectionable' question resigns

ग्रेटर नोएडा (उत्तर प्रदेश) |  विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सोमवार को शारदा विश्वविद्यालय से एक परीक्षा में हिदुत्व और फासीवाद के बीच समानता पर पूछे गए ''आपत्तिजनक’’ प्रश्न को लेकर जवाब मांगा। वहीं, प्रश्नपत्र तैयार करने वाले विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफ़ेसर ने इस्तीफा दे दिया है। उच्च शिक्षा नियामक ने ग्रेटर नोएडा स्थित निजी विश्वविद्यालय को विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट में यह बताने को कहा है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए उसने क्या कदम उठाए हैं। हालांकि, मामले में विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफ़ेसर वकास फारुक ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया।

यूजीसी ने शारदा विश्वविद्यालय को भेजे एक पत्र में कहा, ''संज्ञान में आया है कि छात्रों ने सवाल पर आपत्ति जताई और विश्वविद्यालय के समक्ष शिकायत दर्ज कराई। कहने की जरूरत नहीं है कि छात्रों से इस तरह का सवाल पूछना हमारे देश की भावना और लोकाचार के खिलाफ है, जो समावेशिता और एकरूपता के लिए जाना जाता है तथा इस तरह का सवाल नहीं पूछा जाना चाहिए था।’’

बीए प्रथम वर्ष की परीक्षा में राजनीति विज्ञान (ऑनर्स) के प्रश्नपत्र में छात्रों से ''हिदुत्व-फासीवाद’’ के बारे में पूछा गया। सात अंकों के इस प्रश्न में पूछा गया, ''क्या आप फासीवाद/नाजीवाद और हिदू दक्षिणपंथी (हिदुत्व) के बीच कोई समानता पाते हैं? तर्कों के साथ बताएं।’’ सोशल मीडिया पर प्रश्न पत्र वायरल होने के बाद विश्वविद्यालय ने ''प्रश्नों में पूर्वाग्रह की संभावना को देखने’’ के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया। समिति मामले में अन्य प्रोफ़ेसर, विद्यार्थियों से बयान लेगी, जिसके आधार पर वह अपना निर्णय देगी।

विश्वविद्यालय ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि समिति ने प्रश्न को आपत्तिजनक पाया है और मूल्यांकन के उद्देश्य से मूल्यांकनकर्ताओं द्बारा इसे अनदेखा किया जा सकता है। विश्वविद्यालय ने प्रश्न पत्र तैयार करने वाले संकाय सदस्य को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है। शारदा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर सिबाराम खारा ने बताया कि यूजीसी ने पत्र भेजकर पूछा है कि इस मामले मेंविश्वविद्यालय ने क्या कार्रवाई की है। विश्वविद्यालय इस मामले में पहले ही प्रश्न पत्र तैयार करने वाले सहायक प्रोफ़ेसर वकास फारुक को निलंबित कर जांच करने का आदेश दे चुका है। 



 

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