नई दिल्ली : राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के एक अध्ययन के मुताबिक, तमिलनाडु में बुनियादी गणना कौशल की कमी वाले छात्रों की संख्या सबसे ज्यादा है, इसके बाद जम्मू कश्मीर, असम और गुजरात का नंबर आता है।
कक्षा तीन के कम से कम 37 प्रतिशत छात्र इस श्रेणी में आते हैं। अध्ययन के अनुसार, ''शिक्षार्थियों के पास सीमित ज्ञान और कौशल है और वे बुनियादी ग्रेड-स्तरीय कार्यों को आंशिक रूप से पूरा कर सकते हैं’’। वहीं, दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों के बच्चे हैं जिनके पास या तो पर्याप्त ज्ञान और कौशल है, या जिन्होंने बेहतर ज्ञान और कौशल विकसित किया है और वे जटिल ग्रेड स्तर के कार्यों को पूरा कर सकते हैं।
नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिग (एनसीईआरटी) द्बारा आयोजित 'ओरल रीडिग फ्लुएंसी विद रीडिग कॉम्प्रिहेंशन एंड न्यूमेरिकेसी 2०22’ के लिए तय मानदंड पर राष्ट्रीय रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। अध्ययन में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया है कि आठ भाषाओं में कक्षा तीन के एक चौथाई से अधिक बच्चों के मौखिक पठन के मूल्यांकन में उन्होंने वैश्विक न्यूनतम दक्षता से नीचे प्रदर्शन किया। खासी, बंगाली, मिजो, पंजाबी, हिदी और अंग्रेजी में पढ़ने वाले बच्चों ने मौखिक पठन दक्षता के उच्चतम स्तर का प्रदर्शन किया।