उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में एक सरकारी स्कूल के शिक्षक पर मिड-डे मील योजना से 11.46 करोड़ रुपये की हेराफेरी करने का आरोप लगाया गया है। पुलिस ने कहा कि चंद्रकांत मिश्रा के रूप में पहचाने जाने वाले शिक्षक ने कथित तौर पर एक एनजीओ को पंजीकृत करने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया और अधिकारियों विभागीय कर्मचारियों और बैंकों की मिलीभगत से पैसे का इस्तेमाल किया।
एसपी (सतर्कता) आलोक शर्मा ने बताया कि शर्मा फिरोजाबाद जिले के शिकोहाबाद का रहने वाला है। वह जिले के एक प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। उन पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।उन पर और शिक्षा विभाग के कुछ अन्य कर्मचारियों के खिलाफ 27 जुलाई को मामला दर्ज किया गया था।
पुलिस ने कहा कि शर्मा ने फर्जी राशन कार्ड और फर्जी पहचान पत्र का इस्तेमाल कर एक एनजीओ पंजीकृत किया था और गैर-लाभकारी संस्थाओं का इस्तेमाल अपने खातों में पैसे डालने के लिए किया था। एनजीओ का नाम सारस्वत आवासीय शिक्षा सेवा समिति है। उन्होंने कहा कि शर्मा ने उनके पिता को एनजीओ का अध्यक्ष, उनकी मां को प्रबंधक और उनकी पत्नी को कोषाध्यक्ष बनाया।उसने अपनी मां को मृत घोषित कर दिया। भले ही वह अभी भी जीवित है।फिरोजाबाद के स्कूलों में मिड-डे मील वितरण का ठेका शिक्षक ने कथित तौर पर लिया था।