जयपुर। शहर के निकट टोंेक में गत रविवार को एक बीमार युवती के साथ बड़ी ज्यादती हो गई। कहा जाता है कि सुशीला कुमारी को तेज बुखार की शिकायत हो गई थी। परिजन इस पर उसे लेकर गांव के ही एक झोला छाप की क्लिनिक में उपचार के लिए ले गए। चिकित्सक ने कोई जांच नहीं की और अपने अंदाजे से कोई गलत इंजक्शन लगा दिया। सुंई लगते ही किशोरी बेहोश हो गई, सांस लेने में परेशानी होने लगी। परिजनोें ने जब शोर मचाया तो झोला ब्राण्ड फर्जी डॉक्टर कोई दवाए लाने का बहाना बना कर वहां से भाग लिया।
बीमार किशोरी के पिता ने बताया कि गलत उपचार को लेकर सुशीला कुमारी के हाथ और पांव में लकवा मार गया है। बीमारी का असर मुंह तक भी होने पर उसे नाक की नली से दूध व फलों का रस पिलाया जा रहा है।टोंक के सरकारी अस्पताल में इस किशोरी को कोई बारह घंटे तक रख कर उसे जयपुर के जे.के.लॉन अस्पताल में इलाज के लिए भिजवा दिया गया है। किशोरी अभी भी अचेत है। चिकित्सकों का कहना है कि सुशीला कुमारी का उपचार चल रहा है, मगर गलत इंजेक्शन के चलते उसके शरीर के नर्वस सिस्टम को काफी अधिक क्षति पहुंची है। कोशिश की जा रही है कि उसकी हालत में सुधार हो जाए, मगर पेसेंट कोई रेस्पोंस ना देने पर चिकित्सक और परिजन दोनों चिंतित है।