लखनऊ: उत्तर प्रदेश के ललितपुर में थाने के अंदर रेप पीड़िता से दुष्कर्म के मामले में योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. एडीजी कानपुर जोन ने पाली थाने के सभी पुलिस कर्मियों को लाइन अटैच कर दी है. साथ ही आरोपित इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है। पूरे मामले पर 24 घंटे में डीआईजी रेंज झांसी से रिपोर्ट मंगवाई गई है।
इस मामले में 6 एएसआई, 6 हेड कांस्टेबल, 10 कांस्टेबल, 5 महिला कांस्टेबल, एक ड्राइवर और एक फॉलोअर समेत 29 पुलिसकर्मियों को अटैच किया गया है. रिपोर्ट आने के बाद पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। दरअसल, जिले के पाली थाना प्रभारी समेत 6 लोगों पर 13 साल की नाबालिग बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने का आरोप लगाया गया है. मामले में चाइल्ड लाइन की शिकायत पर पुलिस अधीक्षक ने गंभीरता दिखाते हुए पाली थाना प्रभारी तिलकधारी सरोज समेत 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
पाली थाना प्रभारी को नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म, पोक्सो एक्ट, एससी/एसटी एक्ट समेत सभी आरोपितों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर निलंबित कर दिया गया है. एसपी निखिल पाठक के अनुसार पाली थाना क्षेत्र के अंतर्गत रहने वाली 13 वर्षीय बच्ची को उसके ही गांव में रहने वाले चार लड़कों ने 22 अप्रैल को लालच देकर भोपाल लाया था, जहां उसके साथ तीन दिन तक सामूहिक दुष्कर्म किया गया.
एसपी निखिल पाठक ने बताया कि तीन दिन बाद नाबालिग लड़की को पाली थाने ले जाकर चारों आरोपी थाना प्रभारी के हवाले कर फरार हो गए थे, जिसके बाद थाना प्रभारी पाली ने नाबालिग पीड़िता को भेज दिया. मौसी के साथ चाइल्ड लाइन पर दो दिन बाद उसे थाने बुलाया गया, जहां पाली थाना प्रभारी ने बयान लेने के बहाने नाबालिग बच्ची को एक कमरे में ले जाकर दुष्कर्म किया. एसपी निखिल पाठक के मुताबिक नाबालिग लड़की को उसकी मौसी के साथ चाइल्ड लाइन भेजा गया, जहां पर काउंसलिंग के दौरान लड़की ने अपने साथ हुई पूरी घटना की जानकारी दी, जिस पर पाली थाना प्रभारी समेत 6 लोगों ने शिकायत के बाद चाइल्ड लाइन के एक आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।