युवाओं को भारतीय ज्ञान परंपरा इंटर्नशिप का लाभ उठाने को प्रोत्साहित करें विश्वविद्यालय : UGC

Samachar Jagat | Tuesday, 20 Sep 2022 03:48:36 PM
Universities should encourage youth to take advantage of Indian knowledge tradition internship: UGC

नयी दिल्ली |  विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देश के सभी विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों से युवाओं को शिक्षा मंत्रालय के भारतीय ज्ञान परंपरा (आईकेएस) प्रभाग के भारतीय ज्ञान संवाहक या इंटर्नशिप कार्यक्रम का लाभ उठाने के लिये प्रोत्साहित करने को कहा है। छह माह के इस प्रशिक्षुता (इंटर्नशिप) कार्यक्रम के लिये चुने गए प्रशिक्षु राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन से जुड़े कार्यों में सहायता करेंगे। 2022-23 से शुरू होने वाले इस प्रशिक्षुता कार्यक्रम के तहत अध्येतावृत्ति के रूप में 10 हजार रुपये प्रतिमाह प्रदान किया जायेगा । यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने 19 सितंबर को देश के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों एवं कॉलेजों के प्राचार्यो को इस विषय पर पत्र लिखा है।

उन्होंने कहा, '' भारत दुनिया की सबसे पुरानी जीवंत सभ्यता है, ऐसे में यह महत्वपूर्ण है कि हम अपनी धरोहर को समझें और किसी कार्य को करने के भारतीय तरीके के बारे में दुनिया को बताएं।’’ उन्होंने कहा कि ऐसा करते हुए भारतीय ज्ञान परंपरा के अंतर्विषयक एवं संघीय अंतर्विषयक अनुसंधान के संवर्द्धन से जुड़े सभी आयामों को ध्यान में रखें । जैन ने कहा कि आईकेएस प्रभाग ने भारतीय ज्ञान परंपरा पर चार कार्यक्रम शुरू किये हैं जिसमें भारतीय ज्ञान परंपरा संवर्द्धन योजना, भारतीय ज्ञान परंपरा संपोषण केंद्रम-1, भारतीय ज्ञान परंपरा संपोषण केंद्रम-2 और भारतीय ज्ञान संवाहक या इंटर्नशिप कार्यक्रम शामिल है।

पत्र में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों एवं कॉलेजों के प्राचार्यों से आग्रह किया गया है कि वे आईकेएस प्रभाग द्बारा प्रारंभ किये गए भारतीय ज्ञान संवाहक (इंटर्नशिप) कार्यक्रम से जोड़ने एवं लाभ उठाने के लिये युवाओं को प्रोत्साहित करें। आईकेएस प्रभाग के भारतीय ज्ञान संवाहक कार्यक्रम की पुस्तिका के अनुसार, विभिन्न पक्षकारों से प्राप्त प्रतिक्रिया के आधार पर अधिकतम छह माह का प्रशिक्षुता कार्यक्रम तैयार किया गया है। इसमें कहा गया, ''हम अपनी पारंपरिक धरोहर को जानें और विभिन्न कार्यों के निष्पादन की 'भारतीय पद्धति’ से देश ही नहीं बल्कि समस्त विश्व को अवगत कराएं। इसी दृष्टिकोण से शिक्षा मंत्रालय में 'भारतीय ज्ञान परंपरा’ (आईकेएस) प्रभाग की स्थापना अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद में की गई थी।’’

शिक्षा मंत्रालय के तहत भारतीय ज्ञान परंपरा प्रभाग के प्रशिक्षुता कार्यक्रम में युवाओं को भारतीय भाषा में भारतीय ज्ञान परंपरा से संबंधित विविध विषयों का गहन अध्ययन करने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके तहत छात्र ग्रीष्मकालीन अवकाश के समय या वर्ष में किसी भी समय सक्रिय अनुसंधान में योगदान कर सकते हैं। इसमें कहा गया कि इस कार्यक्रम में अन्य कार्यों के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन में सहायता करने का काम भी शामिल है। इसमें पाठ्य सामग्री, डिजिटल मीडिया, मल्टी मीडिया संसाधन, विद्यालयी शिक्षा एवं स्नातक शिक्षा पाठ्यक्रम सामग्री आदि के निर्माण में सहयोग करना प्राथमिकता है।

पुस्तिका के मुताबिक, इन सामग्रियों का स्वरूप ऐसा होना चाहिए कि पाठ्यपुस्तक लेखकों द्बारा इसका उपयोग किया जा सके तथा विद्यालय एवं स्नातक स्तर पर पाठ्यपुस्तकों में सीधे समावेश हो सके। सामग्री तैयार करने में चित्र, स्केल, कला कार्य, कार्टून एवं मल्टी मीडिया के साथ साथ पाठ्यपुस्तक/ ग्राफिक्स का उपयोग, भारत की मौखिक परंपराअें सहित कला कार्यो को संरक्षित करने वाले डिजिटल कोष का निर्माण करना प्राथमिकता है।



 

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