लखनऊ। विमुद्रीकरण के जरिए कालेधन और भ्रष्टाचार पर नकेल कसने की केन्द्र सरकार की मुहिम को कई दुश्वारियों का भी सामना करना पड रहा है। कालेधन को सफेद करने की जुगत में लगे कई धन्नासेठ मजदूरो से लेकर वेतनभोगी कर्मचारियों का भी इस्तेमाल करने से परहेज नही कर रहे हैं।
कालेधन के जमाखोरों की हिमाकत को धता बताने के लिए सरकार ने आज से नोटों की अदलाबदली करने वाले ग्राहकों की अंगुली में स्याही लगाने के निर्देश दिए हैं। इसके बावजूद कई सफेदपोश कालेधन को सफेद करने के लिए अनूठे प्रयोग करने से बाज नही आ रहे हैं।
लखनऊ के एक निजी प्रतिष्ठान के कर्मचारी ने बताया कि सेठ ने कैश की कमी का हवाला देते हुए तीन महीने के अग्रिम वेतन के तौर पर उसे 1000 रूपए की शक्ल में 60 हजार रूपए थमा दिए हैं। इस धनराशि को बैंक खाते में जमा कराने के लिए उसे बाकायदा एक दिन की छुट्टी दी गई है। प्रतिष्ठान में कार्यरत सभी 12 कर्मचारियों को तीन महीने का सेलरी एडवांस नकद दिया गया है।