नई दिल्ली। देश में ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की भारी कमी पर गहरी चिंता जताते हुए लोकसभा में सदस्यों ने वहां डाक्टरों की तैनाती के लिए विशेष उपाय करने तथा स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बजट बढाने की सरकार से पुरजोर मांग की।
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भारतीय जनता पार्टी के अनुराग ठाकुर ने संयुक्त राष्ट्र के सहस्त्राब्दि विकास ’लक्ष्यों में शामिल‘ स्वास्थ्य क्षेत्र में सतत विकास’ विषय पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं में भारी असमानता है। गांव और शहरों में स्वास्थ्य सुविधा का औसत क्रमश: 20 और 80 का है। ग्रामीण क्षेत्रों में नाम मात्र के कुछ स्वास्थ्य केंद्र स्थापित कर दिए गए हैं और वहां कोई डाक्टर जाने को तैयार नहीं है। अन्य सुविधाओं का भी बड़ा अभाव है इसलिए ग्रामीण पृष्ठभूमि में पढा लिखा डाक्टर भी वहां सेवा देने को तैयार नहीं है।
उन्होंने कहा कि गांव में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हो इसके लिए सरकार को ठोस प्रयास करने होंगे। उनका सुझाव था कि जो डाक्टर विदेशों से प्रशिक्षित होकर आते हैं उन्हें देश में नौकरी देने की प्रक्रिया भिन्न है इसलिए सरकार उन्हें गांव में पांच साल तक तैनात करने की शर्त पर नियुक्ति दे सकती है। उनका कहना था कि गांव में स्वास्थ्य सेवाओं में बड़े स्तर पर सुधार लाने की जरूरत है।
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भाजपा सदस्य ने कहा कि देश में गरीब के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र में कोई सुविधा नहीं है। अस्पताल में गरीब मरीज जाता है तो उससे पहले इलाज के लिए पैसा मांगा जाता है। उनका कहना था कि ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि गरीब को आसानी से इलाज की सुविधा मिल सके। - वार्ता
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