इंटरनेट डेस्क। म्यांमार में लोकतंत्र बचाने में अग्रणी नेता और लगातार संघर्ष करने वालीं आंग सान सू की पर कोरोना गाइडलाइन तोड़ने का आरोप लगा है। जिसके बाद उनपर स्पेशल कोर्ट ने 4 साल जेल की कैद की सजा सुनाई है। म्यांमार में डेमोक्रेसी को बचाने में आंग सान सू की ने अग्रणी भूमिका निभाई है। और हर बार सरकार द्वारा उनके साथ इसी तरह का व्यवहार किया जाता रहा है। एक बार फिर से उन्हें कैद करने का आदेश जारी कर दिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर 76 वर्षीय आंग सान सू की के खिलाफ म्यांमार में कई मुकदमे चल रहे हैं। इनमें से एक कोरोना नियम तोड़ने का भी था जिस मामले में उन्हें सजा सुनाई गई है। बताया जाता है कि बीते 2020 नवंबर में चुनाव से ठीक पहले चुनावी रैली में बड़ी भारी संख्या में लोगों की मौजूदगी और उने समर्थकों के उमड़ने को लेकर केस किया गया है। कहा गया कि रैली में आये लोगों के कारण देश में कोरोना के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है।
गौरतलब है कि इसी वर्ष 2021 फरवरी में म्यांमार में सरकार का तख्तापलट हुआ था और आंग सान सू की के समर्थक वाली सरकार को इस दौरान अपदस्त कर दिया गया था तभी से उनके खिलाफ कई मामले जानबूझकर थोपे गए हैं।