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वाशिंगटन : भारत और अमेरिका की शीर्ष आंतरिक जांच एजेंसियों केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) तथा संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के अधिकारियों और अमेरिकी न्याय मंत्रालय के अधिकारियों ने विकसित प्रौद्योगिकी आधारित अपराधों से निपटने में निरंतर सहयोग बनाए रखने पर चर्चा की।
अमेरिकी न्याय मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि एफबीआई और सीबीआई के अधिकारियों ने पिछले सप्ताह नयी दिल्ली में बैठक की। न्याय मंत्रालय के अनुसार, डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस सिविल डिवीज़न की उपभोक्ता संरक्षण शाखा के उप सहायक अटॉर्नी जनरल अरुण जी. राव ने उपभोक्ता संरक्षण शाखा और एफबीआई के सहयोगियों के साथ पिछले सप्ताह नयी दिल्ली में सीबीआई अधिकारियों के साथ साइबर दुनिया से जुड़े वित्तीय अपराधों और अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर धोखाधड़ी से निपटने के तरीकों पर गहन चर्चा की और कानून प्रवर्तन प्राथमिकताएं साझा कीं।
मंत्रालय के अनुसार, ''बैठक में सभी पक्षों ने अक्टूबर 2021 में अपनी पिछली बैठक के बाद से सामने आए ऐसे अपराधों से निपटने में सहयोग को निरंतर मजबूत करने पर जोर दिया, जिसमें भारत में कथित अपराधियों द्बारा अंजाम दिए गए कॉल सेंटर धोखाधड़ी के मामले, अमेरिकी पीड़ितों की गवाही को सुरक्षित रखने के सफल प्रयासों के साथ ही सबूतों की जब्ती, भारत में कथित रूप से साइबर आधारित वित्तीय अपराधों, वैश्विक टेलीमार्केटिग धोखाधड़ी में शामिल लोगों की गिरफ्तारी और अमेरिकी कानून प्रवर्तन द्बारा प्रदान की गई जानकारी के माध्यम से पहचान करना शामिल है।’’ अमेरिकी न्याय मंत्रालय के अनुसार, दोनों पक्षों ने अमेरिका तथा भारत के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विकसित प्रौद्योगिकी आधारित अपराधों से निपटने में निरंतर सहयोग बनाए रखने के लिए अपनी पारस्परिक प्रतिबद्धता जतायी।