Bangladesh : रोहिग्या शरणार्थियों को वापस म्यांमा भेजने में बांग्लादेश ने चीन से मांगी मदद

Samachar Jagat | Monday, 08 Aug 2022 09:33:39 AM
Bangladesh : Bangladesh seeks help from China in sending Rohingya refugees back to Myanmar

ढाका : बांग्लादेश ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी की यात्रा के दौरान उनसे रोहिग्या शरणार्थियों को म्यांमा वापस भेजने में सहयोग करने का अनुरोध किया। वहीं, यी ने दक्षिण एशियाई राष्ट्र में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बेहतर व्यापार संबंधों, निवेश और समर्थन का वादा किया है। चीन ने म्यांमा में अपने प्रभाव का इस्तेमाल नवंबर 2017 के समझौते के लिए किया था, जो 2017 अगस्त में म्यांमा में उत्पीड़न के कारण देश छोड़ने वाले करीब 7,00,000 रोहिग्या मुस्लिम शरणार्थियों को वापस म्यांमा भेजने से संबंधित है।

कई बार उनको वापस भेजने के प्रयासों के बावजूद शरणार्थियों ने म्यांमा में खतरे का हवाला देते हुए वापस लौटने से इनकार कर दिया है। उनका दावा है कि म्यांमा में सेना के तख्तापलट के बाद से स्थिति और गंभीर हो गई है। विदेश मामलों से जुड़े बांग्लादेश के कनिष्ठ मंत्री शहरयार आलम ने बताया कि यी के रविवार को यहां से रवाना होने से पहले उन्होंने द्बिपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। यी शनिवार को ढाका पहुंचे और उन्होंने प्रधानमंत्री शेख हसीना तथा विदेश मंत्री ए. के. अब्दुल मोमेन से मुलाकात की।

कनिष्ठ मंत्री ने कहा कि चीन ने रोहिग्या संकट को हल करने के लिए लगातार सहयोग करने का वादा किया है। उन्होंने वांग के हवाले से कहा कि म्यांमा की आंतरिक चुनौतियां अन्य देशों को परेशान कर रही हैं। आलम ने कहा, '' हमारे विदेश मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि चीन के सहयोग की आवश्यकता है। चीन ने रोहिग्या मुद्दे को सुलझाने के लिए कदम उठाया है और अब हमें इस स्थिति से पूरी तरह बाहर निकलने की जरूरत है।’’
बांग्लादेश के चीन के साथ मजबूत संबंध हैं, जो ज्यादातर कच्चे माल के लिए उसका एक प्रमुख व्यापार भागीदार है। हालांकि, चीन के साथ करीबी संबंध बनाए रखना बांग्लोदश के लिए चुनौतीपूर्ण है क्योंकि उसे चीन के प्रमुख प्रतिद्बंद्बी भारत और अमेरिका के साथ भी अपने राजनयिक एवं व्यापारिक संबंधों को संतुलित करना पड़ता है।

बांग्लादेश में चीन की 500 से अधिक टुकड़ियां सक्रिय हैं। चीन देश की सभी प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में संलिप्त है और 3.6 अरब डॉलर की लागत से पद्मा नदी पर सबसे बड़ा पुल बनाने में भी उसने मदद की है। चीन और ताइवान में तनाव के बीच बांग्लादेश ने ''एक चीन'' सिद्धांत के समर्थन में एक बयान भी जारी किया है। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने 2008 में चुनाव जीतने के बाद ने चीन के एक अनुरोध पर ढाका में ताइवान के व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय को बंद कर दिया था और तब से चीन ने बांग्लादेश में अपनी भागीदारी बढ़ा दी है। बांग्लादेश का कपड़ा उद्योग जिसके निर्यात से 80 प्रतिशत से अधिक विदेशी मुद्रा अर्जित की जाती है उसके सुचारू संचालन के कच्चे माल के लिए वह काफी अधिक चीन पर निर्भर है। 



 

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