Biden ने व्यापक जलवायु एवं स्वास्थ्य देखभाल कानून पर हस्ताक्षर किए

Samachar Jagat | Wednesday, 17 Aug 2022 11:14:51 AM
Biden signs comprehensive climate and health care legislation

वाशिगटन : राष्ट्रपति जो बाइडन ने मंगलवार को डेमोक्रेटिक पार्टी के ऐतिहासिक जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य देखभाल विधेयक पर हस्ताक्षर कर इसे कानून का रूप दे दिया। इस कानून को वह अपने घरेलू एजेंडे का हिस्सा बताते हैं। अमेरिका में मध्यावधि चुनाव होने वाले हैं और चुनाव से तीन महीने से कम समय पहले वह अपने इस कदम के जरिए यह दिखाना चाहते हैं कि उनकी पार्टी मतदाताओं के साथ खड़ी है। कानून में जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए अब तक के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण संघीय निवेश शामिल है।

यह अनुमानित 1.3 करोड़ अमेरिकियों को कोरोना वायरस महामारी के दौरान प्रदान की जाने वाली सब्सिडी का विस्तार करके स्वास्थ्य देखभाल बीमा के लिए भुगतान करने में भी मदद करेगा। इस कदम के लिए भुगतान बड़ी कंपनियों पर नए कर लगाकर और आर्थिक रूप से सम्पन्न व्यक्तियों एवं संस्थाओं के आईआरएस प्रवर्तन को बढ़ाकर किया जाना है। अतिरिक्त धन से संघीय घाटे को कम किया जाएगा। व्हाइट हाउस में हस्ताक्षर कार्यक्रम में बाइडन ने कानून को इस बात के प्रमाण के रूप में इंगित किया कि लोकतंत्र चाहे कितनी भी लंबी या जटिल प्रक्रिया हो, इसे अब भी अमेरिका में मतदाताओं के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

बाइडन ने बार-बार अपनी पार्टी और विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी की तुलना करते हुए कहा, ''इस ऐतिहासिक क्षण में डेमोक्रेटिक पार्टी ने अमेरिकी लोगों का पक्ष लिया और क ांग्रेस में हर एक रिपब्लिकन ने इस वोट में विशेष हितों के साथ पक्षपात किया।’’ व्हाइट हाउस में समारोह के दौरान सीनेट के बहुमत के नेता चक शूमर (डी-एनवाई) ने कहा, ''सामान्य समय में इन विधेयकों को पूरा करना एक बड़ी उपलब्धि होगी।’’ बाइडन ने व्हाइट हाउस के स्टेट डाइनिग रूम में एक छोटे से समारोह के दौरान विधेयक पर हस्ताक्षर किए और इस तरह यह एक कानून बन गया।

यह कदम पर्यावरण और सामाजिक कार्यक्रमों को गति देने के लिए अधिक महत्वाकांक्षी योजना का एक छोटा हिस्सा है जिसके बारे में बाइडन और उनकी पार्टी ने पिछले साल की शुरुआत में बताया था। नए जलवायु और स्वास्थ्य देखभाल कानून को कैसे लागू किया जाए, इस पर चर्चा करने के लिए बाइडन ने एक कैबिनेट बैठक आयोजित करने की भी योजना बनाई है। रिपब्लिकन पार्टी के नेताओं का कहना है कि कानून के नए व्यापार कर से कीमतों में वृद्धि होगी और 1981 के बाद से उच्चतम मुद्रास्फीति से निपटने की देश की स्थिति और खराब हो जाएगी। हालांकि गैर-पक्षपाती विश्लेषकों का कहना है कि कीमतों पर इसका बमुश्किल प्रभाव होगा। 



 

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