काठमांडू। नए कानून को लेकर साल भर से जारी राजनीतिक संकट को खत्म करने की दिशा में नेपाल सरकार ने आज संसद में संविधान संशोधन विधेयक पेश किया जिसके जरिए आंदोलनरत मधेसी पार्टियों एवं अन्य जातीय समूहों की चिंताएं दूर करने का प्रयास किया गया है।
संसद के सूत्रों के मुताबिक, मंत्रिपरिषद् द्वारा इसका मसौदा पारित किए जाने के बाद संविधान संशोधन विधेयक को संसद सचिवालय में पंजीकृत किया गया था।
मंत्रिमंडल की बैठक आज दोपहर बालूवाटर में प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर हुई। प्रांतीय सीमाओं का पुन निर्धारण और नागरिकता का मुद्दा, इन आंदोलनरत मधेसी पार्टियों की दो प्रमुख मांग हंै।
आज संसद में पेश विधेयक में प्रांतीय सीमाओं के पुनर्निर्धारण, विभिन्न भाषाओं को मान्यता देने, नागरिकता और राष्ट्रीय असेंबली में प्रतिनिधित्व से जुड़े प्रावधानों में संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया है।
संसदीय सचिवालय के एक अधिकारी ने कहा कि यह विधेयक नेपाल के संविधान के अनुच्छेद 296 के मुताबिक लाया गया है जो पंजीकरण के पांच दिन बाद परिपक्व होगा।