Russia के ''अवैध जनमत संग्रह’’ पर संयुक्त राष्ट्र में लाए प्रस्ताव पर भारत ने बनायी दूरी

Samachar Jagat | Saturday, 01 Oct 2022 10:10:06 AM
India distances itself on the UN resolution on Russia's

संयुक्त राष्ट्र : भारत शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में अमेरिका एवं अल्बानिया द्बारा पेश किए गए उस मसौदा प्रस्ताव पर मतदान से दूर रहा, जिसमें रूस के ''अवैध जनमत संग्रह’’ और यूक्रेनी क्षेत्रों पर उसके कब्जे की निदा की गई है। इस प्रस्ताव में मांग की गई थी कि रूस यूक्रेन से अपने बलों को तत्काल वापस बुलाए। परिषद के 15 देशों को इस प्रस्ताव पर मतदान करना था, लेकिन रूस ने इसके खिलाफ वीटो का इस्तेमाल किया, जिसके कारण प्रस्ताव पारित नहीं हो सका।

इस प्रस्ताव के समर्थन में 10 देशों ने मतदान किया और चार देश चीन, गाबोन, भारत तथा ब्राजील मतदान में शामिल नहीं हुए। इससे पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के दोनेत्स्क, लुहांस्क, खेरसॉन और जोपोरिज्जिया क्षेत्रों पर कब्जा जमाने की शुक्रवार को घोषणा की थी मतदान के बाद परिषद को संबोधित करते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि यूक्रेन में हाल के घटनाक्रम से भारत बहुत चितित है और उसने हमेशा इस बात की वकालत की है कि मानव जीवन की कीमत पर कोई समाधान नहीं निकाला जा सकता। उन्होंने मतदान से दूर रहने पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा, ''हम अनुरोध करते हैं कि संबंधित पक्ष तत्काल हिसा और शत्रुता को खत्म करने के लिए हरसंभव प्रयास करें। मतभेदों तथा विवादों को हल करने का इकलौता जवाब संवाद है, हालांकि इस समय यह कठिन लग सकता है।’’

भारत ने कहा, ''शांति के मार्ग पर हमें कूटनीति के सभी माध्यम खुले रखने की आवश्यकता है।’’ कंबोज ने कहा कि इस संघर्ष की शुरुआत से ही भारत का रुख स्पष्ट रहा है। उन्होंने कहा कि वैश्विक व्यवस्था संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों, अंतरराष्ट्रीय कानून और सभी देशों की संप्रभुत्ता एवं क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान पर टिकी हैं। उन्होंने कहा, ''तनाव बढ़ाना किसी के भी हित में नहीं है। यह महत्वपूर्ण है कि बातचीत की मेज पर लौटने के रास्ते तलाशे जाएं। तेजी से बदल रही स्थिति पर नजर रखते हुए भारत ने इस प्रस्ताव पर दूरी बनाने का फैसला किया है।’’ वहीं, संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत लिडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने मतदान से पहले कहा कि रूस के ''बनावटी जनमत संग्रह के नतीजे पूर्व निर्धारित थे।’’

उन्होंने कहा, ''हर कोई यह जानता है। रूसी बंदूक की नोंक पर यह कराया गया। बार-बार हमने यूक्रेनी लोगों को अपने देश तथा लोकतंत्र के लिए लड़ते हुए देखा है।’’ ग्रीनफील्ड ने कहा कि अगर रूस अपनी जवाबदेही से बचने की कोशिश करता है तो हम मॉस्को को यह अचूक संदेश भेजने के लिए ''महासभा में आगे कदम उठाएंगे’’ कि दुनिया अब भी संप्रभुत्ता एवं क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के पक्ष में खड़ी है। रूस के स्थायी प्रतिनिधि वैसिली नेबेंजिया ने मतदान से पहले कहा कि जनमत संग्रह के नतीजे अपने तथा इन क्षेत्रों के निवासियों के लिए बोलते हैं कि वे यूक्रेन में लौटना नहीं चाहते।

कंबोज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन तथा यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ चर्चा में संवाद और कूटनीति की महत्ता को ''स्पष्ट रूप से बताया’’ है। गौरतलब है कि भारत पहले भी यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को लेकर लाए गए प्रस्तावों पर मतदान से दो बार दूर रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने बृहस्पतिवार को कहा कि धमकी या बल प्रयोग से किसी देश द्बारा किसी अन्य देश के क्षेत्र पर कब्जा करना संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों का उल्लंघन है।



 

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