वाशिंगटन : भारतीय-अमेरिकी समुदाय ने यहां पहला 'वीर बाल दिवस’ मनाया और 10वें सिख गुरु गोबिंद सिंह के चार साहिबजादों के बलिदानों को याद किया। गुरु गोबिंद सिंह के साहिबजादों बाबा अजीत सिंह , बाबा जुझार सिंह , बाबा जोरावर सिह और बाबा फतेह सिंह के शहादत दिवस को 'वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाता है, जिन्होंने अपने धर्म की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे।
इस साल नौ जनवरी को गुरु गोबिंद सिंह की जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घोषणा की थी कि 26 दिसंबर को 'वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। भारतीय दूतावास द्बारा सोमवार को यहां अपने परिसर में आयोजित एक समारोह में चारों साहिबजादों के जीवन पर एक डिजिटल प्रदर्शनी भी लगाई गई। उप-राजदूत श्रीप्रिया रंगनाथन ने अपने बयान में सिख त्योहारों को मान्यता देने वाली भारत सरकार की विभिन्न पहलों को रेखांकित किया।
उन्होंने करतारपुर गलियारा खोले जाने का जिक्र किया, जो पाकिस्तान में लाहौर के पास गुरुद्बारा दरबार साहिब को पंजाब के गुरदासपुर जिले में गुरुद्बारा डेरा बाबा नानक से जोड़ता है। रंगनाथन ने दुनिया भर में गुरु नानक देव की 55०वीं जयंती मनाने के लिए भारत सरकार द्बारा की गई पहलों, गुरु तेग बहादुर की 400वीं जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी के एक विशेष सिक्का तथा एक डाक टिकट जारी करने और पिछले साल अगस्त में पूरे सम्मान के साथ अफगानिस्तान से गुरु ग्रंथ साहिब के तीन 'पवित्र स्वरूप’ वापस लाए जाने का भी जिक्र किया। गुरु गोबिंद सिंह के दो बेटे बाबा अजीत सिह और जुझार सिह इस लड़ाई में शहीद हो गए थे, जबकि बाबा जोरावर और फतेह सिह को जिदा चुनवा दिया गया था।