समरकंद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को उज्बेकिस्तान के ऐतिहासिक शहर समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस शिखर सम्मेलन में क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों, व्यापार और ऊर्ज़ा आपूर्ति को बढ़ावा देने समेत कई अन्य मुद्दों पर चर्चा की जानी है।
दो साल बाद पहली बार एससीओ के शिखर सम्मेलन में नेताओं की व्यक्तिगत रूप से मौजूदगी दिखेगी।
मोदी आठ सदस्यीय एससीओ के शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए बृहस्पतिवार रात समरकंद पहुंचे। सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिग, ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और मध्य एशियाई देशों के अन्य नेता भाग लेंगे। समरकंद में एससीओ शिखर सम्मेलन दो सत्र में होगा-एक सीमित सत्र, जो केवल एससीओ के सदस्य देशों के लिए है और फिर एक विस्तारित सत्र, जिसमें पर्यवेक्षक देश और अध्यक्ष देश की ओर से विशेष रूप से आमंत्रित नेताओं की भागीदारी की संभावना है। मोदी के शिखर सम्मेलन से इतर कुछ द्बिपक्षीय बैठकें करने की भी उम्मीद है।
वह पुतिन और उज्बेक राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव के अलावा ईरान के राष्ट्रपति रईसी से भी मुलाकात कर सकते हैं। मोदी ने समरकंद रवाना होने से पहले एक बयान जारी कर कहा, ''मैं एससीओ शिखर सम्मेलन में सामयिक, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने, एससीओ के विस्तार और संगठन के भीतर बहुआयामी और परस्पर लाभकारी सहयोग को और गहरा करने को लेकर उत्सुक हूं।’’ उन्होंने कहा कि उज्बेकिस्तान की अध्यक्षता में व्यापार, अर्थव्यवस्था, संस्कृति और पर्यटन के क्षेत्रों में आपसी सहयोग के लिए कई फैसले लिए जाने की संभावना है। मोदी ने कहा कि वह राष्ट्रपति मिर्जियोयेव से मिलने को लेकर काफी उत्सुक हैं।
उन्होंने कहा, ''मुझे 2018 की उनकी (मिर्जियोयेव की) भारत यात्रा याद है। वह 2019 में सम्मानित अतिथि के तौर पर 'वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन’ में भी शामिल हुए थे। इसके अलावा, मैं शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे कुछ अन्य नेताओं के साथ भी द्बिपक्षीय बैठकें करूंगा।’’ बहरहाल, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिग और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शरीफ के साथ उनकी संभावित द्बिपक्षीय बैठक के बारे में कोई पुष्टि नहीं की गई है।
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बृहस्पतिवार को नयी दिल्ली में संवाददाताओं से कहा था, ''जब प्रधानमंत्री की द्बिपक्षीय बैठकों का कार्यक्रम सामने आएगा तो हम आपको पूरी तरह से अवगत कराएंगे।’’
आठ देशों के प्रभावशाली समूह की बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब यूक्रेन में रूस के विशेष सैन्य अभियान और ताइवान की खाड़ी में चीन के आक्रामक सैन्य रुख से क्षेत्र में भू-राजनीतिक उथल-पुथल बढ़ रही है। एससीओ की शुरुआत जून 2001 में शंघाई में हुई थी और इसके आठ पूर्ण सदस्य हैं, जिनमें छह संस्थापक सदस्य चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, तजाकिस्तान और उजबेकिस्तान शामिल हैं। भारत और पाकिस्तान इसमें वर्ष 2017 में पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल हुए।