मॉस्को | रूस ने यूक्रेन पर हमले का विरोध करने वाले नागरिकों पर कार्रवाई की है। इनमें एक पूर्व पुलिस अधिकारी से लेकर पादरी और छात्र तक शामिल हैं। पिछले महीने रूसी संसद ने एक कानून पारित किया था जो यूक्रेन पर हमले और सेना का अपमान करने वाली 'झूठी सूचना’ के प्रसार को अपराध करार देता है। इसके तहत रूस के सैकड़ों लोगों पर मामले दर्ज किए गए हैं।
मानवाधिकार समूहों का कहना है कि इस कार्रवाई से आपराधिक अभियोजन होगा और कम से कम 23 लोगों को 'झूठी सूचना’ फैलाने के आरोप में जेल की सज़ा का सामना करना पड़ सकता है जबकि 5०० अन्य लोग सेना का अपनाम करने को लेकर कदाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं और उनपर जुर्माना लगाया जा सकता है। विधि सहायता समूह ' नेट फ्रीड्स’ के प्रमुख ने अमेरिकी समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस (एपी) से कहा कि ऐसे मामलों की बहुत बड़ी संख्या है।
क्रेमलिन (रूस के राष्ट्रपति का आवास) ने यूक्रेन में अतिक्रमण के साथ ही युद्ध के विमर्श को नियंत्रित करने की कोशिश की है। उसने हमले को 'विशेष सैन्य अभियान’ बताया है और रूस के उन स्वतंत्र मीडिया संस्थानों पर दबाव बढ़ाया है जिन्होंने इसे 'युद्ध’ या 'हमला’ बताया था। आधिकारिक लाइन से हटकर संघर्ष को कवर करने वाली कई समाचार वेबसाइट को ब्लॉक किया गया है।
अंधाधुंध गिरफ्तारियों से युद्ध विरोधी प्रदर्शनों को दबाया जा रहा है। करीब-करीब रोज़ाना ही लोगों को हिरासत में लिया जा रहा है। मॉस्को में द्बितीय विश्व युद्ध के स्मारक के पास खड़े एक शख्स को हिरासत में लिया गया है। उसने कहा था कि 'कीव’ नाज़ी जर्मनी के खिलाफ वीरता से खड़ा रहा और उसने टॉलस्टॉय की किताब ' वॉर एंड पीस’ की प्रति पकड़ी हुई थी।
'झूठी सूचना’ के प्रसार को रोकने वाले कानून के तहत कई जानी-मानी शख्सियतों के खिलाफ भी मामले दर्ज किए गए हैं जिनमें रूसी भाषा में पाक कला किताब के लेखक और विदेश में रहने वाले वेरोनिका बेलोत्सेरकोवस्काया और टीवी पत्रकार, फिल्म निर्देशक एवं पूर्व जनप्रतिनिधि एलेक्सजेंडर नेवज़ोरोव शामिल हैं।
दोनों पर आरोप है कि उन्होंने अपने सोशल मीडिया पन्नों पर यूक्रेन पर असैन्य आधारभूत ढांचों पर रूस के हमलों को लेकर 'झूठी जानकारी’ पोस्ट की है। रूस ने इन आरोपों का ज़ोरदार तरीके से खंडन किया है और कहा है कि रूस के बलों ने सिर्फ सैन्य लक्ष्यों को ही निशाना बनाया है।
पूर्व पुलिस अधिकारी सेर्गेई क्लोकोव को अपने एक दोस्त से फोन पर जंग के बारे में चर्चा करने पर हिरासत में लिया गया है। उनकी पत्नी ने 'मेडुज़ा’ नाम की समाचार वेबसाइट से कहा कि क्लोकोव कीव के पास इरपिन में पैदा हुए थे और उनके पिता अब भी यूक्रेन में ही रहते हैं। उन्होंने हमले की निदा की थी।
क्लोकोव पर रूसी सशस्त्र बलों के खिलाफ झूठी जानकारी फैलाने का आरोप लगाया गया है जिसके तहत उन्हें 10 साल तक की सज़ा हो सकती है।
सेंट पीटर्सबग की कलाकार साशा स्कोलिचेनको पर भी यह आरोप है और उन्हें भी 1० साल तक की सज़ा हो सकती है। उन्होंने एक किनारा स्टोर पर मूल्य दर्शाने वाली पर्ची (प्राइज़ टैग) की जगह युद्ध विरोधी पर्ची लगा थी। बुधवार को एक अदालत ने स्कोलिचेनको को मुकदमे की सुनवाई शुरू होने से पहले डेढ़ महीने के लिए जेल भेजने का आदेश दिया।
मॉस्को से करीब 300 किलोमीटर दूर एक गांव में रूसी ऑर्थोडॉक्स पादरी रेव आई बुर्दिन पर 3500 रुबल (432 डॉलर) का जुर्माना लगाया गया है। उन्होंने अपने गिरजाघर की वेबसाइट पर युद्ध विरोधी बयान पोस्ट किए थे जिसके बाद उनपर रूसी सशस्त्र बलों को 'बदनाम’ करने का आरोप लगाया गया है।
मॉस्को में एक स्टोर के निदेशक एम ग्रेचव ने अपनी दुकान की स्क्रीन पर ऑनलाइन याचिका का एक लिक प्रदर्शित किया था, जिसमें 'युद्ध को ना’ लिखा। पुलिस ने ग्रेचव पर सेना को बदनाम करने का आरोप लगाया और एक अदालत ने उनपर एक लाख रुबल (1236 डॉलर) का जुर्माना लगाया गया। बुर्दिन और ग्रेचव जुर्माने के खिलाफ अपील कर रहे हैं। उनके अलावा भी अन्य लोग भी सज़ा एवं जुर्माने के खिलाफ अपील कर रहे हैं।