Sri Lanka Lead Emergency : आर्थिक संकट को लेकर जारी प्रदर्शनों के बीच श्रीलंका ने सार्वजनिक आपातकाल की घोषणा की

Samachar Jagat | Saturday, 02 Apr 2022 01:43:10 PM
Sri Lanka Lead Emergency : Sri Lanka declares public emergency amid ongoing protests over economic crisis

कोलंबो : श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने द्बीपीय देश के इतिहास के सबसे बड़े आर्थिक संकट को लेकर देशभर में जारी प्रदर्शनों के बीच राष्ट्रव्यापी सार्वजनिक आपातकाल लगाने की घोषणा की है। राजपक्षे ने शुक्रवार देर रात एक विशेष गजट अधिसूचना जारी कर श्रीलंका में एक अप्रैल से तत्काल प्रभाव से सार्वजनिक आपातकाल लागू करने की घोषणा की। गजट अधिसूचना में राष्ट्रपति ने कहा, “मेरी राय में श्रीलंका में सार्वजनिक आपातकाल लागू करना सार्वजनिक सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ समुदायों के लिए जरूरी वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति बनाए रखने के हित में है।” यह कदम ऐसे समय में भी उठाया गया है, जब आर्थिक संकट से निपटने में सरकार की नाकामी को लेकर द्बीपीय देश में रविवार को बड़े पैमाने पर प्रदर्शन का आह्वान किया गया है।

स्वतंत्र थिकटैंक 'सेंटर फॉर पॉलिसी ऑल्टरनेटिव्स’ ने आपातकाल पर टिप्पणी करते हुए कहा, “प्रतिबंधों से संविधान द्बारा प्रदत्त कुछ मौलिक अधिकार बाधित हो सकते हैं। इनमें अभिव्यक्ति की आजादी से लेकर सभा, आवाजाही, पेशा, धर्म, संस्कृति और भाषा की स्वतंत्रता शामिल है।” अधिवक्ताओं ने बताया कि ये प्रतिबंध पुलिस को गैरकानूनी रूप से एकत्रित होने वाले लोगों को गिरफ्तार करने की असीम शक्ति देते हैं। उन्होंने कहा कि इन प्रतिबंधों पर उनके क्रियान्वयन के हर 30वें दिन संसद की मंजूरी ली जानी चाहिए।

आपातकाल की घोषणा उस समय की गई है, जब अदालत ने राजपक्षे के आवास के सामने प्रदर्शन के लिए गिरफ्तार किए गए प्रदर्शनकारियों के एक समूह को जमानत देने का आदेश दिया है। अधिवक्ता नुवान बोपागे ने बताया कि गिरफ्तार किए गए 54 प्रदर्शनकारियों में से 21 को जमानत दे दी गई है, जबकि छह को चार अप्रैल तक के लिए रिमांड पर भेजा गया है और बाकी 27 घायल अवस्था में अस्पतालों में भर्ती हैं। बोपागे कोलंबो उपनगरीय गंगोडाविला मजिस्ट्रेट की अदालत में मुफ्त सलाह देने के लिए जुटे लगभग 500 अधिवक्ताओं में शामिल हैं।

उन्होंने कहा, “यह एक बेहद अहम आदेश था। अदालत ने पुलिस से प्रत्येक प्रदर्शनकारी के हिसक गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों की पुष्टि करने वाले सबूत पेश करने को कहा था। पुलिस ऐसा नहीं कर सकी।” सरकार ने राजपक्षे के आवास के बाहर हुए प्रदर्शनों के लिए विपक्षी राजनीतिक दलों से जुड़े एक चरमपंथी समूह को जिम्मेदार ठहराया था। हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने कहा था कि वे किसी राजनीतिक समूह से प्रेरित नहीं हैं और उनका मकसद सिर्फ जनता द्बारा झेली जा रही दुश्वारियों का सरकार के स्तर पर समाधान खोजना है। प्रदर्शन के हिसक रूप अख्तियार करने के चलते कई वाहनों को आग लगा दी गई थी और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे।



 

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