काहिरा। सूडान के पश्चिमी क्षेत्र दारफुर में हिसा की बढ़ती घटनाओं के कारण 14,००० से अधिक बच्चे चिकित्सीय सुविधाओं से वंचित हैं।
संयुक्त राष्ट्र सेव द चिल्ड्रेन ने कहा कि पश्चिमी दारफुर के मस्तेरी गांव में वह दो प्रमुख स्वास्थ्य केन्द्रों और एक कार्यालय को बंद करने पर मजबूर हो गया है । गत शनिवार को वहां हुए एक हमले में पांच बच्चों सहित 6० नागरिक मारे गए थे।
उसने कहा कि सैकड़ों अरब लड़ाकों ने इलाके में परिवारों पर गोलियां चलाईं, पशु चुराए और घरों में आग लगा दी, जिससे 1०,००० से अधिक लोग जान बचा कर वहां से भागे, जिन्हें चकित्सकीय मदद की जरूरत है।
'सेव द चिल्ड्रेन’ ने कहा कि अपने कर्मचारियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उसके पास केन्द्र बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। इन केन्द्रों पर लोगों को पोषण एवं स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती थीं।
मिस्तेरी में समूह के सूडान के निदेशक अरशद मलिक ने कहा, '' अगर केन्द्र जल्द दोबारा नहीं खोले गए, तो बच्चों का जीवन और खतरे में पड़ जाएगा।’’
विस्थापित समुदाय के वरिष्ठ नेता मुस्तफा युनस ने कहा, '' हमारे पास कोई अस्पताल नहीं है, कोई मदद नहीं है और लोग डरे हुए हैं।’’ (एजेंसी)