United Nation में माली में शांति रक्षकों को बनाए रखने पर मतदान, रूस और चीन दूर रहे

Samachar Jagat | Thursday, 30 Jun 2022 10:32:55 AM
UN votes on retaining peacekeepers in Mali, Russia and China stay away

संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उथल-पुथल के दौर से गुजर रहे माली में शांति रक्षकों को बनाए रखने के लिए बुधवार को मतदान किया और साथ ही भाड़े के लड़ाकों का इस्तेमाल करने के लिए पश्चिमी अफ्रीकी देश के सैन्य शासकों की निदा की। परिषद ने पश्चिमी अफ्रीकी देश में बिगड़ती राजनीतिक और सुरक्षा स्थिति पर भी ''गंभीर चिता’’ व्यक्त की।

फ्रांस द्बारा पेश किए गए इस प्रस्ताव पर मतदान से रूस और चीन दूर रहे। प्रस्ताव में मिशन को 30 जून 2023 तक बढ़ाने का प्रावधान है और इसमें 13,289 सैन्य कर्मी तथा 1,920 अंतरराष्ट्रीय पुलिस कर्मी शामिल हैं। माली 2012 के बाद से ही उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है, जब विद्रोही सैनिकों ने राष्ट्रपति को अपदस्थ कर दिया था। नियमित सरकार के अभाव में देश में इस्लामिक विद्रोह शुरू हुआ और फ्रांस की अगुवाई में युद्ध छेड़ा गया, जिसमें जिहादियों को 2013 में सत्ता से बाहर कर दिया गया।

अगस्त 2020 में सत्ता में आने वाली माली की सत्तारूढ़ सैन्य सरकार रूस के करीब आयी है। सैन्य सरकार ने रूस के 'वैगनर’ समूह से भाड़े पर लड़ाके लिए, जिनके खिलाफ यूरोपीय संघ और मानवाधिकार समूह अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों के उल्लंघन का आरोप लगाते रहे हैं। बुधवार के मतदान के बाद संयुक्त राष्ट्र में फ्रांस के राजदूत निकोलस डी रिविरे ने कहा कि आतंकवादी समूहों के साथ ही माली के सशस्त्र बलों द्बारा मानवाधिकारों का उल्लंघन ''रोका जाना चाहिए।’’

माली के सैन्य शासकों के साथ तनाव के बीच फ्रांस ने फरवरी में एलान किया कि उसकी सेना इन गर्मियों तक देश से बाहर निकल जाएगी। लेकिन फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षकों को हवाई सहयोग मुहैया कराते रहने का प्रस्ताव दिया। माली ने इस पर कड़ी आपत्ति जतायी और प्रस्ताव से फ्रांस की इस पेशकश को हटा दिया गया। मतदान से रूस के दूर रहने पर स्पष्टीकरण देते हुए संयुक्त राष्ट्र में देश की उप राजदूत एना इव्स्टीगनीवा ने कहा कि इससे यह सुनिश्चित करने में मदद नहीं मिलेगी कि माली अपने नागरिकों की रक्षा के लिए अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर सकता है।



 

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