वास्तुशास्त्र में घर का वायव्य कोण बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। वायव्य कोण का संबंध संतान सुख से है। घर की शांति वायव्य कोण में छिपी है। ऐसे में वायव्य कोण में क्या करें और क्या न करें इसके बारे में जानकारी होना नितांत आवश्यक है। वास्तुशास्त्र में इस बारे में पूर्ण जानकारी दी गई है। आईए हम आपको बताते हैं वास्तुशास्त्र के अनुसार घर के वायव्य कोण में क्या करना चाहिए और किन कामों को नहीं करना चाहिए.....
पश्चिम दिशा के वास्तुदोष से छुटकारा पाने के लिए शनिवार को करें ये उपाय
वायव्य कोण में क्या करें :-
यह स्थान मेहमानों का कक्ष, आगंतुक कक्ष (ड्राइंग रूम) के लिए उत्तम है।
वास्तुशास्त्र के अनुसार यहां विवाह योग्य कन्या का कमरा बहुत अच्छा माना गया है।
यहां किरायेदारों का कमरा होना वास्तुशास्त्र के अनुसार बहुत लाभकारी होता है।
अन्न भण्डार, स्टोर के लिए भी वास्तुशास्त्र के अनुसार यह स्थान ठीक है।
वास्तुशास्त्र के अनुसार यहां वाहन व पशु का स्थान आदि बनाना शास्त्र सम्मत है।
वायव्य कोण सीढ़ियां बनाने का सबसे उपयुक्त स्थान होता है।
हर साल लाखों की संख्या में इस खूबसूरत झरने को देखने के लिए आते हैं पर्यटक
वायव्य कोण में क्या न हो-
वास्तुशास्त्र के अनुसार वायव्य कोण को खुला न रखें।
इस स्थान पर बड़े बुजुर्गों का कमरा न बनवाएं।
वायव्य दिशा में वास्तुशास्त्र के अनुसार कुआं या गड्ढा न बनवाएं। इसके साथ ही यहां सेप्टिक टैंक न बनवाएं और न ही इस स्थान पर बिजली का मीटर न लगाएं।
बोटिंग का शौक है तो जरूर करें इन जगहों की सैर
पर्यटन एवं आतिथ्य उद्योग देगा श्रमबल को कौशल प्रशिक्षण
केरल में आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या में हुई वृद्धि : पर्यटन मंत्री