आज वैशाख अमावस्या है, आज के दिन अगर पूरे विधि-विधान से पूजा-पाठ किया जाए तो इससे भगवान प्रसन्न होते हैं और पूजा करने वाले को सभी कष्टों और दुखों से दूर रखते हैं। वहीं आज के दिन व्रत करना भी शुभफलदायी होता है, आइए आपको बताते हैं वैशाख अमावस्या की व्रत कथा के बारे में....
अमावस्या पर राशिअनुसार करें ये उपाय
पौराणिक कथाओं के अनुसार प्राचीन काल में धर्मवर्ण नाम का एक ब्राह्मण हुआ करता था। यह ब्राह्मण बहुत ही धार्मिक प्रवृति का था, वह व्रत-उपवास करता और ऋषि-मुनियों का आदर करते हुए उनसे ज्ञान ग्रहण करता था। एक बार ब्राह्मण ने किसी महात्मा के मुख से सुना कि कलियुग में भगवान विष्णु के नाम स्मरण से ज्यादा पुण्य किसी भी कार्य में नहीं है।
अन्य युगों में जो पुण्य यज्ञ करने से प्राप्त होता था उससे कहीं अधिक पुण्य फल इस घोर कलियुग में भगवान का नाम सुमिरन करने से प्राप्त होगा। धर्मवर्ण ने इसे आत्मसात कर लिया और सांसारिकता से विरक्त होकर सन्यास लेकर भ्रमण करने लगा। एक दिन भ्रमण करते-करते वह पितृलोक जा पंहुचा।
अगर आपके घर में भी ये चीजें तो हो जाएं सावधान, उठाना पड़ सकता है भारी नुकसान
वहां धर्मवर्ण के पितर बहुत कष्ट में थे, पितरों ने उसे बताया कि उनकी ऐसी हालत धर्मवर्ण के सन्यास के कारण हुई है क्योंकि अब उनके लिए पिंडदान करने वाला कोई शेष नहीं है। यदि तुम वापस जाकर गृहस्थ जीवन की शुरुआत करो, संतान उत्पन्न करो तो हमें राहत मिल सकती है।
साथ ही वैशाख अमावस्या के दिन विधि-विधान से पिंडदान करे। धर्मवर्ण ने उन्हें वचन दिया कि वह उनकी अपेक्षाओं को अवश्य पूर्ण करेगा। इसके बाद धर्मवर्ण अपने सांसारिक जीवन में वापस लौट आया और वैशाख अमावस्या पर विधि-विधान से पिंडदान कर अपने पितरों को मुक्ति दिलाई।
इन ख़बरों पर भी डालें एक नजर :-
परीक्षा में सफल होने के लिए करें रामायण की इस चौपाई का जाप
जानिए कैसे हुए एक ही पिता के पुत्रों के वंश अलग-अलग
आपको यदि रात को अच्छी नींद नहीं आती तो करें ये उपाय