नई दिल्ली: आयुष्मान भारत योजना 2018 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा करोड़ों भारतीयों को स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने में मदद करने के लिए शुरू की गई थी, जो धन की कमी के कारण उचित चिकित्सा सुविधा प्राप्त करने में असमर्थ हैं। इसलिए इस योजना को 'मोदी केयर' या 'राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना' भी कहा जाता है। देश में आज यानी 30 अप्रैल को आयुष्मान भारत दिवस मनाया जाएगा। इस दिवस का उद्देश्य सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना डेटाबेस के आधार पर देश के दूरदराज के इलाकों में सस्ती चिकित्सा सुविधाओं को और भी तेजी से बढ़ाना है। यह केंद्र सरकार द्वारा संचालित दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना है।
आयुष्मान भारत योजना का उद्देश्य भारत में 10 करोड़ से अधिक परिवारों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना है। इन 10 करोड़ परिवारों में ग्रामीण क्षेत्रों में 8 करोड़ परिवार और शहरी क्षेत्रों में 2.33 करोड़ परिवार शामिल हैं। योजना के तहत 5 लाख रुपये तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा भी प्रदान किया जाता है। आयुष्मान भारत योजना में उपचार को कवर करने के लिए 1,300 से अधिक पैकेज हैं, जिसमें कैंसर सर्जरी, विकिरण चिकित्सा, कीमोथेरेपी, हृदय शल्य चिकित्सा, न्यूरो (मस्तिष्क) सर्जरी, रीढ़ की सर्जरी, दंत शल्य चिकित्सा, नेत्र शल्य चिकित्सा और एमआरआई और सीटी स्कैन जैसे विशेष परीक्षण शामिल हैं।
इस योजना की पहचान पीएम जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) के रूप में भी की गई है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह योजना पूरी तरह से पेपरलेस, कैशलेस और आईटी आधारित है। इसके तहत लाभार्थियों को सेवाओं का लाभ उठाने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है। इस योजना के तहत मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने के 3 दिन पहले और 15 दिन बाद तक क्लीनिकल इलाज, स्वास्थ्य उपचार और दवाएं मुफ्त दी जाती हैं। इस योजना का लाभ सभी उठा सकते हैं, व्यक्ति की उम्र या लिंग की कोई सीमा नहीं है।