हिंदू कथाओं के अनुसार, भगवान चित्रगुप्त सभी मनुष्यों के कर्मों का लेखा जोखा रखते हैं। वही तय करते हैं कि कौन मनुष्य स्वर्ग और नरक में जाएगा। ऐसा माना जाता है कि वह मृत्यु के देवता - भगवान यम के करीबी परिचित हैं।
चित्रगुप्त को भगवान ब्रह्मा की आत्मा और मन की रचना माना जाता है। यही कारण है कि उन्हें ब्राह्मणों की तरह वेद लिखने और क्षत्रिय के कर्तव्यों की भी जिम्मेदारी दी गई थी।
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को उनकी पूजा की जाती है जिसे यम द्वितीया के नाम से जाना जाता है। विशेष रूप से, यह वही दिन है जिस दिन भाई दूज मनाया जाता है।
चित्रगुप्त पूजा 2022: तिथि और समय
इस वर्ष शुक्ल पक्ष द्वितीया 26 अक्टूबर को दोपहर 2:42 बजे से शुरू हो रही है। पूजा तिथि और मुहूर्त दोपहर 1:18 बजे से दोपहर 3:33 बजे के बीच है। द्वितीया तिथि 27 अक्टूबर को दोपहर 12:45 बजे शुरू होगी।
चित्रगुप्त पूजा 2022: पूजा विधि
इस दिन देवता की जल और गुलाब जल से मूर्ति की सफाई करते हैं। फिर, एक मिट्टी का दीपक जलाया जाता है और लोग भगवान चित्रगुप्त को दही, चीनी और सूखे मेवों से बना पंचामृत चढ़ाते हैं। भगवान के सामने एक 'स्वस्तिक' चिन्ह भी बनाया जाता है। फिर इसे चावल से ढक दिया जाता है और ताजे पानी से भरकर 'कलश' भर दिया जाता है।
चित्रगुप्त पूजा 2022: महत्व
भगवान चित्रगुप्त ने सबसे पहले अक्षरों का इस्तेमाल किया था और इस दिन लोग कलम, पेंसिल और नोटबुक की पूजा करते हैं। यह पूजा कायस्थ समुदाय में व्यापक रूप से की जाती है और इसे आमतौर पर 'कलाम दावत पूजा' के रूप में जाना जाता है।