हिन्दुओं में माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। माघ पूर्णिमा 4 फरवरी, शनिवार को रात 9 बजकर 29 मिनट से शुरू हो रही है। जबकि पूर्णिमा तिथि 5 फरवरी रविवार (रविवार का उपाय) को रात 11 बजकर 58 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदय तिथि के अनुसार माघ पूर्णिमा 5 फरवरी को मनाई जाएगी।
माघ पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त
माघ पूर्णिमा के शुभ मुहूर्त की बात करें तो 5 फरवरी को शुभ मुहूर्त सूर्योदय से दोपहर 2 बजकर 41 मिनट तक रहने वाला है। इसके अलावा 5 फरवरी को दोपहर 2 बजकर 41 मिनट से 6 फरवरी को दोपहर 3 बजकर 25 मिनट तक सौभाग्य योग रहेगा, जिसमें पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है।
माघ पूर्णिमा की पूजा विधि
सुबह जल्दी उठकर नदी में स्नान करें या घर के पानी में गंगाजल मिलाएं।
माघ पूर्णिमा के दिन सूर्य देव को अर्घ्य दें और सूर्य मंत्र का जाप करें।
माघ पूर्णिमा के दिन व्रत का संकल्प लें और भगवान श्री कृष्ण का ध्यान करें।
माघ पूर्णिमा के दिन दान और किसी की मदद जरूर करें।
तिल और काले तिल का दान (हिन्दू धर्म में महादान) करना शुभ माना जाता है।
माघ पूर्णिमा के दिन हवन अवश्य करें और कर्मकांड करना न भूलें।
माघ पूर्णिमा के दिन गायत्री मंत्र या 'ओम नमो नारायण' का जाप करना न भूलें।
माघ पूर्णिमा का महत्व
माघ पूर्णिमा का न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि ज्योतिषीय दृष्टि से भी बहुत महत्व है। इस दिन चंद्रमा कर्क राशि में प्रवेश करता है। इस कारण माघ पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को भी देखना चाहिए और चंद्रमा की पूजा करनी चाहिए। मान्यता है कि चंद्रमा की पूजा करने से मन मजबूत होता है और व्यक्ति की चंचलता भी कम होती है क्योंकि चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है।