पूरा भारत आज दशहरा मानाने के लिए तैयार है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। भारतीय पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान राम ने राक्षस राजा रावण का वध किया था। 20 दिनों के बाद, भगवान राम अपने निवास अयोध्या लौट आए - इस दिन को दिवाली के रूप में मनाया जाता है। भारतीय अंकशास्त्र के अनुसार, दशहरा या विजयादशमी को 'अबूझ मुहूर्त' कहा जाता है जिसका अर्थ है कि कुछ नया शुरू करने के लिए पूरा दिन शुभ होता है। दशहरा को विजयदशमी के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन देवी दुर्गा ने महिषासुर राक्षस का वध किया था। विजयादशमी के दिन लोग अपने शस्त्रों की पूजा भी करते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो लोग अपने हथियारों की शास्त्र पूजा करते हैं।
हम आपके लिए ले कर आए है पूजा और रावण दहन के बारे में सभी जानकारी
हिंदू पंचांग के अनुसार अश्विन शुक्ल दशमी तिथि का प्रारंभ: 4 अक्टूबर दोपहर 2.20 बजे तिथि का अंत 5 अक्टूबर दोपहर 12 बजे होगा है।
दोपहर 2.13 बजे से दोपहर 3 बजे तक विजय मुहूर्त शुरू
अपराह्न मुहूर्त 1.26 बजे से 3.48 बजे के बीच है।
सूर्यास्त के बाद रात 8.30 बजे तक रावण दहन का मुहूर्त है।
श्रवण नक्षत्र 4 अक्टूबर को रात 10.51 बजे से शुरू होकर 5 अक्टूबर को सुबह 9.15 बजे समाप्त होगा।
दशहरा में शुभ योग 5 अक्टूबर को सुबह 8.21 बजे शुरू होता है और 6 अक्टूबर को सुबह 5.19 बजे समाप्त होता है।