सिख धर्म के 10वें गुरु, महान योद्धा, कवि और आध्यात्मिक गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी की आज जयंती मनाई जा रही है। सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती हर साल नानकशाही कैलेंडर के अनुसार पौष महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को मनाई जाती है।
जानिए गुरु गोबिंद सिंह के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें...गुरु गोबिंद सिंह जी से जुड़ी खास बातें
1. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार गुरु गोबिंद सिंह का जन्म 22 दिसंबर 1666 को हुआ था। उनके जन्मदिन पर ही गुरु गोबिंद सिंह जयंती मनाई जाती है।
2. गुरु गोबिंद सिंह की मृत्यु 07 अक्टूबर 1708 को हुई थी। वे मुगलों से युद्ध में शहीद हुए थे। उनकी शहादत स्थली पर तख्त श्री हजूर साहिब बनाया गया है, जो वर्तमान में महाराष्ट्र के नांदेड़ में है।
3. गुरु गोबिंद सिंह की तीन पत्नियां थीं। उनकी पहली शादी 10 साल की उम्र में 21 जून 1677 को माता जीतो के साथ बसंतगढ़ में हुई थी। उनके तीन लड़के थे। जुझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह।
4. इसके बाद 17 साल की उम्र में गुरु गोबिंद सिंह का दूसरा विवाह माता सुंदरी से 04 अप्रैल 1684 को आनंदपुर में हुआ। उनसे उनका एक पुत्र अजीत सिंह था।
5. आनंदपुर में ही 33 साल की उम्र में गुरु गोबिंद सिंह ने तीसरी शादी 15 अप्रैल 1700 को की थी। उनका विवाह माता साहिब देवन से हुआ था। उनकी कोई संतान नहीं थी। उन्होंने सिख धर्म में एक प्रभावी योगदान दिया है।
6. गुरु गोबिंद सिंह ने बैसाखी के दिन खालसा पंथ की स्थापना की थी। उन्होंने सिक्खों के लिए पांच ककार केश, कंगन, कृपाण, कंघा और कच्छा अनिवार्य कर दिया था।
7. यह गुरु गोबिंद सिंह थे जिन्होंने खालसा भाषण "वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतह" दिया था। गुरु गोबिंद सिंह जी ने सिखों में अपने बाद गुरु परंपरा को समाप्त कर दिया और गुरु ग्रंथ साहिब को स्थायी गुरु घोषित कर दिया।
8. गुरु गोबिंद सिंह जी ने धर्म की रक्षा के लिए अपना पूरा परिवार कुर्बान कर दिया। उनके चार बेटे बाबा जोरावर सिंह, फतेह सिंह, अजीत सिंह और बाबा जुझार सिंह धर्म की रक्षा के लिए बलिदान हो गए।