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इंटरनेट डेस्क। वर्तमान जीवनशैली में शुगर जैसी बीमारी लगातार लोगों में बढ़ रही है। शुगर वैसे तो अधिक उम्र वाले लोगों को ही अपना शिकार बनाती है लेकिन खराब लाइफस्टाइल के कारण आज युवा भी बड़ी संख्या में शुगर से पीड़ित हैं। शुगर एक ऐसी बीमारी है जिसका बढ़ना और घटना दोनों जिंदगी के लिए जानलेवा है।
जिन लोगों की शुगर बढ़ती है वो उसे कंट्रोल करने के लिए दवा का सेवन कर लेते हैं लेकिन जिन लोगों की शुगर कम रहती है वो अपनी शुगर को मेनटेन करने के लिए कुछ नहीं करते। शुगर का बढ़ना बॉडी के लिए जितना घातक है उतना ही शुगर का कम होना भी घातक है। शुगर का कम होना हाइपोग्लाइसीमिया कहलाता है। जब ब्लड शुगर लेवल ७२ मिग्रा/ष्ठरु से भी नीचे चला जाए, तो ऐसी स्थिति हाइपोग्लाइसीमिया या लो ब्लड शुगर कहलाती है।
हमारे शरीर का सामान्य ब्लड शुगर लेवल 80-110 मिग्रा/डीएल के बीच होता है और 90 मिग्रा/डीएल को औसत ब्लड शुगर लेवल माना जाता है। हाइपोग्लाइसीमिया एक ऐसी परेशानी है जिसकी वजह से मरीज को चक्कर आना, घबराहट और पसीने आते है। कई बार इस परेशानी की वजह से मरीज को बेहोशी भी हो सकती है।
हाईपोग्लाइसेमिक का इलाज ऐसे कर सकते हैं...
1. जब भी आपको थकान या चक्कर महसूस हो तो आपको तुरंत अपना शुगर चेक कराना चाहिए। ऐसा करने से आप जल्दी ही बॉडी में शुगर को रिकवर कर सकते है। अगर लो ब्लड शुगर का माइल्ड केस है तो जल्द ही मीठी चीज़ खा कर आप अपनी डायबिटीज को कंट्रोल कर सकते है।
2. अगर आपका ब्लड शुगर लेवल 70 मिग्रा/डीएल से कम है और आप होश में हैं, तो 15-20 ग्राम ग्लूकोज़ का सेवन करना सही इलाज है। आप अपने पास हमेशा कैंडी, मिटाई या फलों का जूस रखें, ताकि आप अपनी बॉडी में ग्लूकोज़ का स्तर मेनटेन रख सकें।
3. हाइपोग्लाइसीमिया को रोकने के लिए आपको नाश्ता या भरपूर भोजन करना चाहिए। नाश्ते में मिठी चीजों का सेवन करें।
4. ब्लड शुगर लेवल बहुत कम हो जाने पर दौरे पड़ने या बेहोश होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसी परेशानी में आप ग्लोकोज का इंजेक्शन लगवाएं।
5. इस परेशानी से बचने के लिए खाने में देरी या खाना ना खाना जैसी आदतों से परहेज करें।
6. नियमित रूप से अपने ब्लड शुगर लेवल की जांच करवाते रहें।
7. अपने साथ हमेशा ग्लूकोज टैबलेट या कैंडी ज़रूर रखें।