बवासीर को पाइल्स या बवासीर के नाम से जाना जाता है। आपको बता दें कि बवासीर एक ऐसी बीमारी है, जिसमें बहुत दर्द होता है। दरअसल, गुदा के अंदर और बाहर और मलाशय के निचले हिस्से में सूजन आ जाती है। इससे मस्से गुदा के अंदर और बाहर या फिर किसी एक जगह बन जाते हैं। जबकि मस्से कभी अंदर रह जाते हैं तो कभी बाहर आ जाते हैं। अब आज हम आपको बवासीर के घरेलू उपाय बताने जा रहे हैं।
एलोवेरा- एलोवेरा के एंटी-इंफ्लेमेटरी और औषधीय गुण बवासीर की जलन को कम करते हैं, और कब्ज की समस्या नहीं होती है। दरअसल, यह अंदरूनी और बाहरी दोनों तरह के बवासीर के इलाज में फायदेमंद होता है। आपको बता दें कि एलोवेरा जेल को गुदा के बाहर के मस्सों पर लगाना चाहिए क्योंकि यह जलन और खुजली को शांत करता है।
सेब का सिरका- सेब का सिरका रक्त वाहिकाओं को सिकोड़ने में मदद करता है। ऐसे में एक गिलास पानी में एक चम्मच सेब का सिरका मिलाकर दिन में दो बार खूनी बवासीर में पिएं। बवासीर होने पर सेब के सिरके में रूई भिगोकर गुदाद्वार में रखें। इससे जलन और खुजली से राहत मिलेगी।
जैतून का तेल - जैतून के तेल में सूजन-रोधी गुण होते हैं। हाँ और यह रक्त वाहिकाओं में सूजन को कम करता है। बवासीर पर जैतून का तेल लगाएं।
बादाम का तेल- बादाम के शुद्ध तेल में रूई डुबोएं और बवासीर होने पर मस्सों पर लगाएं। यह सूजन और जलन को कम करता है।
नारियल - नारियल के बालों को जलाकर राख या राख बना लें। इसे ताजे मट्ठे के साथ मिलाएं और इसे नियमित रूप से सुबह खाली पेट पिएं।
अंजीर- तीन अंजीर को एक गिलास पानी में भिगो दें। सुबह खाली पेट इसका सेवन करके इस पानी को भी पी लें।
जीरा- बवासीर में दर्द और जलन होने पर जीरे को पानी के साथ पीसकर पेस्ट बना लें। इसे मस्से वाली जगह पर लगाएं। दूसरी ओर खूनी बवासीर में जीरा भूनकर मिश्री के साथ पीस लें। इसे मट्ठे के साथ 1-2 ग्राम की मात्रा में दिन में 2-3 बार लें।