आप चावल का सेवन बिरयानी, पुलाव, इडली, खीर आदि के रूप में कर सकते हैं। इसका सेवन ज्यादातर साउथ इंडिया और देश के पूर्वी क्षेत्र में किया जाता है। दिलचस्प बात यह है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल का उत्पादक है। सबसे बड़ा चावल उत्पादक होने के नाते, हमारे पास बाजार में चावल की विभिन्न किस्में उपलब्ध हैं। यहां सूची देखें।
बासमती चावल
लंबे अनाज वाले इस चावल का उत्पादन जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और पंजाब में किया जाता है। लंबी शेल्फ लाइफ, भुलक्कड़ बनावट और स्वाद इसे सबसे अच्छा विकल्प बनाते हैं।
मोगरा चावल
यह बाजार में उपलब्ध सबसे सस्ते में से एक है। इसमें उच्च मात्रा में स्टार्च होता है। मोगरा चावल पूरे देश में पसंद किया जाता है।
गोविंदभोग चावल
गोविंदभोग चावल की हर बंगाली के दिल में एक खास जगह है। अनाज बासमती चावल जितना लंबा नहीं होता है, हालांकि, इसकी एक अनूठी बनावट, स्वाद और महक होती है।
इंद्रायणी चावल
चावल की इस किस्म की खेती महाराष्ट्र के पश्चिमी क्षेत्र में की जाती है। यह अंबेमोहर चावल की एक संकर किस्म है। चावल का उपयोग सादा चावल, मसाला भात, वंगरी भात आदि तैयार करने के लिए किया जाता है।
पलक्कड़न मट्टा
केरल के पलक्कड़ जिले में इसे आमतौर पर मट्टा चावल के रूप में जाना जाता है। इस चावल का उपयोग अप्पम, इडली और डोसा बनाने में किया जा सकता है।
काला चावल
काले चावल को मणिपुर में चक हाओ अमुबी के नाम से जाना जाता है। काले चावल आमतौर पर मणिपुर और तमिलनाडु में खाया जाता है, खासकर समारोहों, औपचारिक और सामुदायिक दावतों के दौरान।