जन्माष्टमी का पावन पर्व पूरे विश्व में हिंदुओं द्वारा बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। जन्माष्टमी को कृष्ण जन्माष्टमी और गोकुलाष्टमी के रूप में भी जाना जाता है। यह त्योहार हिंदू धर्म के अनुयायियों द्वारा भगवान कृष्ण के जन्म की ख़ुशी पर मनाया जाता है।
जन्माष्टमी 2022: इतिहास
भगवान कृष्ण का जन्म अगस्त-सितंबर के महीने में अष्टमी की मध्यरात्रि में मथुरा में हुआ था। वह अपने मामा की कालकोठरी में पैदा हुए थे। क्योंकि उसके माता-पिता को कैद कर लिया गया था। उनके मामा बच्चे के जन्म की प्रतीक्षा कर कर रहे थे , क्योंकी वह उन्हें मार सकता था। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, कृष्ण के पिता गुप्त रूप से उन्हें महल से बाहर ले गए और यमुना नदी को पार कर गए और उन्हें वृंदावन के दयालु नंद को अपने रूप में पालने के लिए सौंप दिया। वृंदावन में पले-बढ़े और बाद में उन्होंने महाभारत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
जन्माष्टमी 2022: महत्व
किंवदंतियों के अनुसार श्री कृष्ण भगवान विष्णु के सबसे शक्तिशाली मानव अवतारों में से एक हैं। जन्माष्टमी का पवित्र त्योहार पूरे भारत में हिंदुओं द्वारा बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस अवसर पर भगवान कृष्ण के मंदिरों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और भक्त भगवान के जन्म का जश्न मनाने के लिए आधी रात तक प्रार्थना करते हैं। कुछ भक्त एक दिन के उपवास का भी पालन करते हैं।
जन्माष्टमी 2022: शुभ मुहूर्त
इस वर्ष जन्माष्टमी दो दिनों तक मनाई जाएगी- 18 और 19 अगस्त को। जानिए श्री कृष्ण जन्माष्टमी की तिथि, शुभ समय और पूजा विधि।