महज 500 रुपए लेकर मुंबई आए थे धीरूभाई अंबानी, इस एक तरकीब ने बना दिया करोड़ों का मालिक

Samachar Jagat | Tuesday, 28 Dec 2021 11:46:01 AM
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रिलायंस इंडस्ट्रीज की नींव रखने वाले धीरूभाई अंबानी का जन्म आज ही के दिन 1932 में हुआ था। उनका पूरा नाम धीरजलाल हीराचंद अंबानी था। आज उन्होंने जो बिजनेस खड़ा किया है, उसे उनके दो बेटे मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी संभालते हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज की नींव रखने वालों ने 10वीं तक ही पढ़ाई की। लेकिन अपने दृढ़ निश्चय से वे भारत के जाने-माने उद्योगपति के रूप में उभरे।

धीरूभाई अंबानी की सफलता की कहानियां ऐसी हैं कि उनकी शुरुआती तनख्वाह मात्र रु. 300. लेकिन उनकी मेहनत को देखते हुए वे करोड़पति बन गए। कारोबारी जगत के बेताज बादशाह के नक्शेकदम पर चलते हुए आज मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी सफल कारोबारियों की श्रेणी में शामिल हो गए हैं। धीरूभाई अंबानी गुजरात के एक छोटे से गांव चोरवार के रहने वाले थे। उनका जन्म सौराष्ट्र के जूनागढ़ जिले में हुआ था। उनका पूरा नाम धीरजलाल हीराचंद अंबानी था। उनके पिता स्कूल में शिक्षक थे। घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, जिसके बाद उन्होंने हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद ही अजीबोगरीब काम करना शुरू कर दिया। लेकिन यह परिवार के लिए काम नहीं किया। जब वे 17 साल के थे तो 1949 में अपने भाई रमणिकलाल के साथ पैसा कमाने के लिए यमन चले गए। जहां उन्होंने एक पेट्रोल पंप पर रुपये के वेतन पर काम किया। 300 प्रति माह। कंपनी को 'ए' कहा जाता था। बेस्सी एंड कंपनी' कंपनी ने धीरूभाई को उनके काम को देखते हुए फिलिंग स्टेशन पर मैनेजर का पद दिया। कुछ साल यहां काम करने के बाद धीरूभाई 1954 में देश लौट आए। यमन में रहते हुए ही धीरूभाई ने एक अमीर आदमी बनने का सपना देखा था। इसलिए घर लौटकर वह रुपये लेकर मुंबई पहुंच गया। 500.



 

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