कृष्ण जन्माष्टमी का शुभ अवसर नजदीक है और इसे लेकर भी लोगों में असमंजस है कि क्या यह 18 अगस्त को मनाया जाएगा या 19 अगस्त को? द्रिक पंचांग कहता है कि इस वर्ष 2022 में कृष्ण जन्माष्टमी दोनों दिन मनाई जाएगी क्योंकि अष्टमी तिथि 18 अगस्त से शुरू होकर 19 अगस्त 2022 को समाप्त होगी। लेकिन ज्योतिषियों के अनुसार यह व्रत 19 अगस्त को होगा। उस दिन अष्टमी तिथि उदय तिथि होगी।
कृष्ण जन्माष्टमी: तिथि और समय
अष्टमी तिथि 18 अगस्त 2022 को रात 09.20 बजे से शुरू हो रही है
अष्टमी तिथि 19 अगस्त, 2022 को रात 10:59 बजे समाप्त हो रही है
जन्माष्टमी 2022 व्रत: उपवास के दिन क्या करें और क्या न करें
- जरूरतमंदों को भोजन और पानी जरूर दें। जन्माष्टमी के शुभ दिन पर इस तरह का एक नेक कार्य आपको केवल आशीर्वाद ही देगा।
- अगर आप निर्जला व्रत नहीं कर रहे हैं, तो व्रत का खाना जैसे साबूदाना पापड़, खिचड़ी के साथ-साथ ताजे या सूखे मेवे भी खाएं। इससे शरीर को ऊर्जा मिलेगी।
- दूध और दही जन्माष्टमी का अहम हिस्सा हैं। तो फिर अगर यह निर्जला व्रत नहीं है, तो ताजे फलों से बने पेय के अलावा लस्सी जरूर लें।
- इस दिन प्याज या लहसुन के साथ भोजन को नहीं बनाए।
- जन्माष्टमी पर मांसाहारी भोजन न करें क्योंकि अधिकांश हिंदू त्योहार शाकाहारी भोजन और फलों के सेवन के साथ मनाए जाते हैं।
जन्माष्टमी 2022: इतिहास और महत्व
ऐसा माना जाता है कि भगवान कृष्ण का जन्म अगस्त-सितंबर के महीने में अष्टमी की रात मथुरा में हुआ था। उनका जन्म मथुरा के एक कारावास के अंदर हुआ था और उनके मामा राजा कंस ने उनके माता-पिता - देवकी और वासुदेव को कैद कर लिया था। एक पुजारी ने भविष्यवाणी की थी कि देवकी का आठवां बेटा उनके मौत का कारण बनेगा। लेकिन कृष्ण के जन्म के समय वासुदेव जेल से निकलने में सफल रहे और उन्होंने वृंदावन जाकर अपने बच्चे को वृंदावन में रहने वाले यशोदा और नंद बाबा को सौंप दिया।
वृंदावन में बहुत सी महिलाएँ कृष्ण से अपना माखन चोरी होने से बचाने के लिए माखन से भरे अपने बर्तनों को ऊंचाई पर बाँधती थीं। लेकिन इससे बच्चे 'माखन चोर' नहीं रुके क्योंकि भगवान कृष्ण और उनके दोस्त इसकी ऊंचाई तक पहुंचने और माखन चुराने के लिए कुछ न कुछ योजना बनाई लेते ।