राहे हुईं आसान, लाइफ़कोड बनाये सुरक्षित हिंदुस्तान

Samachar Jagat | Tuesday, 20 Sep 2022 12:47:55 PM
Lifecode made easy, make India safe

भारत मे उभरती हुई तकनीकी क्षेत्र की कंपनियो मे से एक है iShivax,  जयपुर के रहने वाले युवा  शिव कुमार डीगवाल द्वारा iShivax कंपनी की स्थापना की गई। कुछ ही समय मे iShivax ने तकनीकी क्षेत्र मे अपने कौशल से न सिर्फ देश बल्कि विदेशो विशेष तौर से अमेरिका मे भी अच्छा नाम कमाया है। आज iShivax के कस्टमर पूरी दुनिया मे फैले हुए है। iShivax राजस्थान सरकार को भी अपनी सेवाए प्रदान कर रही है जिनमे की आर एच बी ग्रीन , प्रशासनिक शहरों के संग अभियान के लिए डिमांड सर्वे ऐप आर एच बी आवास और बुक माय चौपाटी ऐप प्रमुख है।      देश मे बढ़ते हुए वाहनों से पार्किंग की समस्या बहुत बढ़ गई है, जिसके कारण दिन प्रति दिन जनता को कई समस्याओ का सामना करना पड़ता है और ये समस्याएँ कई बार झगड़ो मे भी बदल जाती है। जनता की इसी परेशानी का हल iShivax ने बनाया है जिसे नाम दिया है लाइफ कोड जोकि लोगो की वहाँ संबंधी परेशानी को दूर करता है और उनके जीवन मे शांति लाता है। 

लाइफ कोड क्यूआर स्टिकर वाहनों मे लगाना क्यों जरूरी है 
आपातकालीन स्थिति में लाइफ कोड आपका सबसे अच्छा दोस्त है। लाइफ कोड कई तरह की समस्याओं मे आपकी सहायता करता है जैसे आपने व्हीकल गलत पार्क कर दिया है, कार की लाइट ऑन है या उसका विंडो खुली है या उसमे कोई बच्चा बंद हो गया है, वाहन की चाबी उसी में लगी रह गई है, ऐसे में कोई भी व्हीकल पर लगा लाइफ कोड स्कैन कर के आपको सूचना दे सकता है।

आपातकालीन स्थिति में लाइफ कोड आपका सबसे अच्छा दोस्त है।लाइफ कोडकई तरह की समस्याओं मे आपकी सहायता करता है जैसेआपने व्हीकल गलत पार्क कर दिया है,कार की लाइट ऑन है या उसका विंडो खुली है या उसमे कोई बच्चा बंद हो गया है, वाहन की चाबी उसी में लगी रह गई है,ऐसे में कोई भी व्हीकल पर लगा लाइफ कोड स्कैन कर के आपको सूचना दे सकता है।

 लाइफ कोड का उद्देश्य एक सुरक्षा समाधान ऐप प्रदान करके सभी के लाईफ को सुरक्षित बनाना है जो किसी भी आपात स्थिति में जीवित रहने को सुनिश्चित करेगा। लाइफकोड बस हर मिनट और हर दिन लोगों को सुरक्षित बनाना चाहते हैं और लाइफकोड टीम इसमे सफल हो रहे हैं!

लाइफ कोड क्यूआर स्टिकर कैसे काम करता है
 अगर कोई ऐसी चीज जो किसी आपात स्थिति में आपका समय बचाती है तो जान भी बचा सकती है। अपनी और दूसरों की सुरक्षा के लिए, आपको हर समय एक क्यूआर कोड-आधारित आपातकालीन ऐप या कार्ड अपने वाहन पर लगाना चाहिए। लाइफ कोड ऑनलाइन और आपके नज़दीकी डीलर पर उपलब्ध है, आप इसे सीधे खरीद सकते हैं और लाइफ कोड ऐप पर विवरण भर सकते हैं और आप अपना खुद का क्यूआर कोड बना सकते हैं और अपने वाहन पर चिपका सकते हैं।
ऐप डाउनलोड करने के बाद आपको रजिस्टर यूअर क्यूआर विकल्प पर क्लिक करके रजिस्टर करना होगा, और फिर आपको प्रकार का चयन करना होगा और अपना वाहन नंबर दर्ज करना होगा।

क्यूआर कोड में संपर्क के लिए परिवार के 2 आपातकालीन नंबर होंगे। आपात स्थिति में, कोई भी इस ऐप का उपयोग क्यूआर कोड को स्कैन करने के लिए कर सकता है ताकि घायल व्यक्ति के परिवारजनों को सूचित किया जा सके और आकस्मिक स्थान साझा किया जा सके।
 लाइफ कोड सेकंडों में आस-पास के अस्पतालों को कॉल करने की सुविधा भी प्रदान करता है।
यदि आपके फोन कैमरे पर एक क्यूआर कोड स्कैन करने की कार्यक्षमता है तो उस क्यूआर कोड को आपके फोन कैमरे से स्कैन किया जा सकता है। हम इसे किसी अन्य स्कैनर ऐप जैसे पेटीएम ऐप, गूगल लेंस आदि से भी स्कैन कर सकते हैं।


  Lifecode महिलाओ के लिए कैसे उपयोगी है
यह ऐप नाम का खुलासा नहीं करता है; यह केवल उपनाम प्रदान करता है, इस तरह हम अपनी महिला उपयोगकर्ताओं को सुरक्षा प्रदान करते हैं।
यदि हमारी किसी महिला ग्राहक को अनावश्यक रूप से कॉल या संदेश प्राप्त होता है, तो वह कॉल और संदेश विकल्प को बंद कर सकती है।यदि हमारी किसी महिला ग्राहक को अनावश्यक रूप से कॉल या संदेश प्राप्त होता है, तो वह कॉल और संदेश विकल्प को बंद कर सकती है।
महिलाओ की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए लाइफकोड अपने एप्लीकेशन मे SOS बटन भी दिया गया है.  

Lifecode दुर्घटना होने पर कैसे सहायता करता है
आए दिन कई लोग हादसों का शिकार होते हैं। कुछ मामलों में, परिवार और दोस्तों को रोगी के चिकित्सा इतिहास के बारे में पता नहीं होता है। एक उचित चिकित्सा इतिहास की कमी से उपचार में देरी हो सकती है, जिससे जटिलताएं हो सकती हैं। कोई भी इस प्रकार की स्थितियों को संभालने के लिए क्यूआर कोड स्कैनिंग ऐप का उपयोग कर सकता है और निश्चित रूप से देरी / गलत उपचार के जोखिम को कम कर सकता है।
इंटरनेट कनेक्शन होने पर ही बुनियादी विवरण तक पहुँचा जा सकता है। सबसे महत्वपूर्ण जानकारी-आपका ब्लड ग्रुप ऐप में तुरंत दिखाई देता है।
दुर्घटना होने की स्थिति मे आप घायल व्यक्ति के वाहन पर लगे लाइफ कोड क्यूआर स्टिकर को स्कैन कर के उनके परिवारजनों को घायल के बारे मे जानकारी दे सकते है साथ ही दुर्घटना की लोकेशन भी भेज सकते है ताकि, घायल के संबंधी घटना स्थल पर तुरंत पाहुच सके। 

इसके विपरीत लाईफ कोड वाहन के मालिक से संपर्क करने में भी मदद करता है यदि वाहन को गलत तरीके से पार्क किया गया है; यह दूसरों को परेशानी से बचने में मदद करेगा।
 इस ऐप में अन्य विशेषताएं भी हैं जिनका उपयोग करके आप आपात स्थिति में सही सहायता प्राप्त कर सकते हैं और आप आस-पास की सेवाओं को भी ढूंढ सकते हैं।
जैसे: - नजदीकी पार्किंग, अस्पताल, मेडिकल शॉप, पुलिस स्टेशन, पेट्रोल पंप, मैकेनिक (कार / बाइक के लिए), और पंचर की दुकान ।

 LifeCode पालतू जानवरों के लिए क्यों जरूरी है।
 हमारे पास पालतू जानवरों के लिए भी समान कार्य हैं, यदि आपके पास एक पालतू जानवर है, तो आप उसके कॉलर पर एक क्यूआर कोड जोड़ना चाह सकते हैं। यदि लोगों के लिए आपके प्रियजन के लापता होने की स्थिति में आपको वापस करना आसान हो जाएगा। क्यूआर कोड बुनियादी जानकारी जैसे पालतू जानवर का नाम, और मालिकों की संपर्क जानकारी संग्रहीत कर सकता है।
लाइफ कोड की सुविधाओं का लाभ लेने के लिए ऐप को डाउनलोड करें। एक क्यूआर कोड को स्कैन करना जितना आसान होना चाहिए उतना आसान बना दिया। लाइफकोड ऐप प्ले स्टोर और ऐप स्टोर पर उपलभ्ध है। लाइफ कोड प्रयोग करने में आसान, स्मार्ट डिजाइन यूआई/यूएक्स है ।

LifeCode  सुरक्षित भारत यात्रा : 
देश मे बढ़ती हुई वाहनो की संख्या से सड़क दुर्घटनाओ और पार्किंग की समस्याओ मे भी व्रद्धि हुई है। कई बार तो वाहन की गलत पार्किंग एक झगड़े का रूप ले लेती है और ये झगड़े बढ़ते हुए बड़े हादसों का कारण बन जाते है। इसी को ध्यान मे रखते हुए लाइफ कोड ने जनता को जागरूक करने के लिए देश के 29 राज्यों को जोड़ते हुए एक यात्रा शुरू की है। इस यात्रा मे लाइफ कोड के प्रतिनिधि बने जाने माने मोटरसाइकिल राइडर दीपेश शर्मा.  दीपेश को देश के कई दुर्गम और कठिन रास्तो पर सफ़र का अनुभव है. यह यात्रा जयपुर से शुरू हुई है और अभी जारी है। इस यात्रा के माध्यम से लाइफकोड़ जनता को यह संदेश देना चाहता है की घर मे आने वाले हर वाहन के साथ ही एक ज़िम्मेदारी भी साथ आती है। इस ज़िम्मेदारी को देश के हर नागरिक को समझना होगा, ताकि आपके वाहन के कारण किसी ओर को समस्या ना हो साथ ही किसी सड़क दुर्घटना की परिसतिथि मे कोई अंजान व्यक्ति भी पीड़ित की मदद कर भी कर सके।  लाइफकोड के इस प्रयास से जुडने के लिए आप लाइफकोड़ को इन्स्टाग्राम पर (@lifecode.co.in) और यूट्यूब पर ( @lifecode) क्रमश:  फॉलो और सब्सक्राइब कर सकते है।



 

यहां क्लिक करें : हर पल अपडेट रहने के लिए डाउनलोड करें, समाचार जगत मोबाइल एप। हिन्दी चटपटी एवं रोचक खबरों से जुड़े और अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें!

loading...
ताज़ा खबर

Copyright @ 2024 Samachar Jagat, Jaipur. All Right Reserved.