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हिंदू पंचांग के अनुसार पूर्णिमा का दिन हर महीने का आखिरी दिन होता है। वर्तमान में मार्गशीर्ष का महीना चल रहा है, यह भगवान हरि के अवतार भगवान कृष्ण को समर्पित है और पूर्णिमा तिथि में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। ऐसे में मार्गशीर्ष की पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है।
इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है और जो भक्त पूर्णिमा का व्रत करते हैं और भगवान सत्यनारायण की कथा का पाठ करते हैं, वे उन पर कृपा करते हैं।
मार्गशीर्ष की पूर्णिमा के दिन त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) के अंश भगवान दत्तात्रेय की जयंती भी मनाई जाती है। इस वर्ष पूर्णिमा तिथि 7 दिसंबर और 8 दिसंबर 2022 को दो दिन है।
ऐसे में किस दिन व्रत करना शुभ रहेगा? आइए आपको बताते हैं।
दिसंबर 7 या 8, 2022, मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2022 कब है?
हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि 7 दिसंबर 2022 को सुबह 8 बजकर 01 मिनट से शुरू होगी और 8 दिसंबर 2022 को सुबह 9 बजकर 37 मिनट पर समाप्त होगी। 8 दिसंबर को पूर्णिमा तिथि सुबह 9 बजकर 30 मिनट पर समाप्त हो रही है। इसलिए 7 दिसंबर 2022 को व्रत रखना बेहतर होगा, क्योंकि उदयतिथि और पूर्णिमा तिथि ज्यादातर 7 दिसंबर 2022 को ही है।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2022: शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त - प्रातः 05:15 से प्रातः 06:09 तक
अमृत काल - 07:51 प्रातः - 09:34 प्रातः
गोधूलि मुहूर्त - शाम 05:31 - शाम 05:58 बजे तक
मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2022: शुभ योग
मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर तीन शुभ योगों सर्वार्थ सिद्धि, रवि और सिद्ध योग का योग बन रहा है । इस योग में स्नान, दान, जप और तप करना पुण्यदायी माना गया है।
रवि योग - सुबह 07 बजकर 03 मिनट से 10 बजकर 25 मिनट तक
सर्वार्थ सिद्धि योग - पूरे दिन
सिद्ध योग - 7 दिसंबर 2022, 02:53 प्रातः - 8 दिसम्बर 2022, प्रातः 02 बजकर 55 मिनट।