सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का बहुत महत्व होता है। पौष मास के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को पौष अमावस्या कहा जाता है। हिन्दू मान्यता के अनुसार इस दिन श्राद्ध और दान का विशेष महत्व होता है। कई लोग इस दिन पितृ दोष और कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए व्रत रखते हैं और पौष मास में सूर्य देव की पूजा करना सबसे खास माना जाता है।
पौष अमावस्या 2022: गलतियों से बचना चाहिए
पौष अमावस्या की रात सबसे काली रात मानी जाती है इसलिए इस दिन घर से अकेले नहीं निकलना चाहिए।
पौष अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर पूजा करनी चाहिए, इस दिन देर तक नहीं सोना चाहिए।
इस दिन मांस, मदिरा और तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
इस दिन बड़ों का सम्मान करना चाहिए। किसी का अपमान नहीं करना चाहिए।
इस दिन किसी भी गरीब व्यक्ति का अपमान नहीं करना चाहिए। परोपकार होना चाहिए।
पौष अमावस्या 2022: महत्व
पौष अमावस्या के दिन किसी तीर्थ स्थान पर ब्राह्मणों को भोजन कराने से पितर प्रसन्न होते हैं। जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष होता है, वे अमावस्या के दिन विशेष पूजा करके दोष से मुक्ति पा सकते हैं।