इंटरनेट डेस्क। माघ महीना चल रहा है और इस समय प्रयागराज संगम में साधु संतों का जमावड़ा लगा हुआ है। इस महीने में साधु संत यहा स्नान करने और पूजा पाठ करने आते है। यह महीना धार्मिक दृष्टि से बहुत पवित्र माना जाता है। ऐसे में यहां आपकों दूर दूर तक नागा साधु नजर आएंगे। नागा साधु आपकों कुंभ मेले में या फिर इस महीने में ही दिखाई पड़ते है। लेकिन आज हम महिला नागा साधुओं के जीवन के बारे में जानने की कोशिश करेंगे।
कौन होते है नागा साधु
नागा साधुओं की जिंदगी बहुत ही अलग होती है और इनके एक आम आदमी से नागा साधु बनने तक का सफर भी बहुत अलग होता है। नागा साधु पुरूष और महिला कोई भी बन सकता है। महिलाएं भी जब संन्यास में दीक्षा लेती हैं तो उन्हें भी नागा बनाया जाता है। नागा पुरुष साधुओं को सार्वजनिक तौर पर नग्न होने की अनुमति है, मगर महिला साधु ऐसा नहीं कर सकतीं है।
पहाड़ों में रहते है
महिला नागा साधुओं का जीवन भी अन्य साधुओं की भांति ही होता है, ये भी अन्य साधु संतों की तरह ही पूजा पाठ और भक्ति में लीन रहते है। नागा साधुओं को इनके मठ की और से कपड़े पहने की अनुमति होती है।
क्या करना होता है नागा साधु बनने के लिए
नागा साधु बनने से पहले महिलाओं को 6 से 12 साल की अवधि तक ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है। जब साधु बनने वाली महिला ऐसा कर लेती है तो उसे नागा साधु बनने की अनुमति दी जाती है। इसके बाद अखाड़े में उनकों अपना पिंडदान करना होता है और अपनी पुरानी जिंगदी को छोड़ना पड़ता है।